एक ताजा विवाद को जन्म देते हुए साध्वी प्राची ने कहा कि संसद में भी एक दो आतंकवादी हैं। ऐसा लगता है कि उन्होंने उन सांसदों पर निशाना साधा है जिन्होंने 1993 के मुंबई विस्फोट के अपराधी याकूब मेमन की फांसी का विरोध किया था।

विवादास्पद बयानों के लिये कई बार सुर्खियों में आयीं साध्वी ने कहा, यह भारत के लिये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि संसद में भी एक दो आतंकवादी मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि जब अदालत ने साबित कर दिया कि वह (याकूब) आंतकवादी है तो ऐसे में मेरा मानना है कि उसका समर्थन करने वाले भी आतंकवादी ही हैं।

याकूब को फांसी का कांग्रेस सांसद शशि थरूर और दिग्विजय सिंह ने भी विरोध किया था। कांग्रेस ने साध्वी के बयान पर कडा एतराज जताते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।

कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि संसद हम सबकी है। संविधान में कहा गया है कि संसद लोकतंत्र का मंदिर है। अगर कोई उसमें बैठे लोगों को आतंकवादी कहता है तो यह न केवल संसद का अपमान है बल्कि संविधान का भी अपमान है। मुझे लगता है कि यह सही समय है कि लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन कार्रवाई करें।

साध्वी ने केंद्र से उधमपुर में पकड़े गये पाकिस्तानी आतंकवादी को हिंदू संगठनों को सौंपने का आग्रह करते हुए कहा कि इससे उसे करारा सबक सिखाया जा सकेगा। साध्वी ने कहा, ‘‘केंद्र से मेरा आग्रह है कि सुरक्षा एजेंसियों द्वारा जरूरी जांच किये जाने के बाद गिरफ्तार पाकिस्तानी आतंकवादी को हिंदू संगठनों को सौंप दिया जाना चाहिये क्योंकि केवल वही उसे सबक सिखा सकते हैं।’’

साध्वी कल उधमपुर में बीएसएफ पर हमले के बाद पकड़े गये आतंकवादी का जिक्र कर रही थीं। अपने विवादास्पद बयानों के जरिये चर्चा में बनी रहने वाली साध्वी ने पहले बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान, सलमान खान और आमिर खान की फिल्मों का बहिष्कार करने और हिंदूवादी संगठनों से उनकी फिल्मों के पोस्टर जलाने को कहा था। उन्होंने एक बार महात्मा गांधी को ब्रिटिश एजेंट कहकर भी विवाद पैदा करने की कोशिश की थी।