S Jaishankar Father: भारत के वर्तमान विदेश मंत्री एस जयशंकर लगातार अपने काम करने के अंदाज को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं। अब एस जयशंकर ने न्यूज एजेंसी ANI को इंटरव्यू दिया है। इस इंटरव्यू में उन्होंने भारत-चीन विवाद (India-China Issue) से लेकर भारतीय नौकरशाही (Indian Bureaucracy) से जुड़े तमाम मुद्दों पर बात की।

ANI से बातचीत में उन्होंने अपने पिता के जीवन से जुड़ा वाक्या बताते हुए कहा, “मेरे पिता एक ब्यूरोक्रेट थे जो सचिव बन गए थे लेकिन उन्हें उनके सचिव पद से हटा दिया गया था। 1980 में जब इंदिरा गांधी फिर से चुनी गईं तो वे पहले सचिव थे जिन्हें उन्होंने हटाया था … उन्होंने ब्यूरोक्रेसी में अपने करियर को रुका हुआ देखा। उन्हें राजीव गांधी काल में हटा (superseded) दिया गया था।”

न्यूज एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विदेश सेवा से सियासत तक के अपने करियर पर भी बात की। उन्होंने कहा कि वह हमेशा से बेस्ट अधिकारी बनना चाहते थे और विदेश सेक्रेटरी के पद तक पहुंचना चाहते थे।

जयशंकर जनवरी 2015 से जनवरी 208 तक विदेश सेक्रेटरी के पद पर थे। इससे पहले वे चीन और अमेरिका सहित कई देशों में राजदूत पदों पर रह चुके हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर के पिता के. सुब्रह्मण्यम (S Jaishankar Father K Subrahmanyam) का निधन साल 2011 में हुआ था। के. सुब्रह्मण्यम को भारत के सबसे प्रमुख नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रैटिजिस्ट में से एक माना जाता है।

उन्होंने कहा, “मैं विदेश सेवा में सबसे बेस्ट अधिकारी बनना चाहता था। मेरी दिमाग में बेस्ट की परिभाषा विदेश सचिव पर जाकर खत्म होती थी। हमारे घर में भी, मैं इसे प्रेशर नहीं कहूंगा, लेकिन हम सब इस बात से वाकिफ थे कि मेरे पिता जो कि एक ब्यूरोक्रेट थे, सेक्रेटरी बन गए थे, लेकिन उन्हें सेक्रेटरी के पद से हटा दिया गया। वे उस समय 1979 में जनता सरकार में संभवत: सबसे कम उम्र के सेक्रेटरी बने थे।” उन्होंने आगे बताया, “वह साल 1980 में डिफेंस प्रोडक्शन के सचिव थे। साल 1980 में जब इंदिरा गांधी दोबारा सत्ता में आईं तो उन्होंने उन्हें हटा दिया। सभी कहते थे कि वह डिफेंस में के मामले में सबसे जानकार व्यक्ति हैं।”