Putin India Visit LIVE Updates: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज 4 दिसंबर को भारत की यात्रा पर आ रहे हैं। उनका भारत प्रवास कुल 30 घंटे का रहने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके सम्मान में एक प्राइवेट डिनर की मेबानी करेंगे। पुतिन की इस यात्रा का व्यापक मकसद खासकर ऐसे समय में भारत-रूस सामरिक और आर्थिक साझेदारी को मजबूत करना है, जब भारत के अमेरिका के साथ संबंधों में तेजी से गिरावट देखी जा रही है।

पुतिन का आधिकारिक कार्यक्रम: पुतिन का आधिकारिक कार्यक्रम शुक्रवार 5 दिसंबर को होगा। इसकी शुरुआत राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति मुर्मू के साथ बैठक से होगी। राष्ट्रपति भवन से राष्ट्रपति पुतिन राजघाट जाकर स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद वे हैदराबाद हाउस जाएंगे। यहां पर राजनियक चर्चाएं होंगी। प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन के बीच भारत-रूस शिखर वार्ता शुक्रवार को हैदराबाद हाउस में होगी। शिखर सम्मेलन के बाद पुतिन रूसी सरकारी ब्रॉडकास्टर आरटी के नए भारत चैनल का शुभारंभ करेंगे। इसके बाद वे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा उनके सम्मान में आयोजित राजकीय भोज में शामिल होंगे। रूसी नेता शुक्रवार रात करीब 9:30 बजे भारत से रवाना होंगे।

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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के तमाम बड़े अपडेट्स के लिए जुड़े रहिये जनसत्ता डॉट कॉम के साथ...

10:08 (IST) 4 Dec 2025

रूस हमारा पुराना दोस्त है- इमरान मसूद

रूसी राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा पर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा, "रूस हमारा पुराना दोस्त है। रूस के साथ हमारे पुराने रिश्ते हैं। हमें इन रिश्तों को और गहरा करना चाहिए। हम हमेशा कहते हैं कि हमें उन दोस्तों से बात करते रहना चाहिए जो मुश्किल वक्त में हमारे साथ खड़े रहे। हम सबके नहीं हो सकते। जो सबके होते हैं, वो आखिरकार किसी के नहीं होते।"

10:06 (IST) 4 Dec 2025

भारत-रूसी मैत्री हर कसौटी पर खरी उतरी है- प्रमोद तिवारी

कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा पर कहा, "भारत-रूस मैत्री हर कसौटी पर खरी उतरी है। 1971 में आदरणीय इंदिरा गांधी द्वारा हस्ताक्षरित भारत-सोवियत संधि की बदौलत नए बांग्लादेश का निर्माण हुआ और सोवियत संघ अच्छे-बुरे, दोनों समय में हमारे साथ खड़ा रहा। लेकिन हाल ही में, प्रधानमंत्री मोदी को अमेरिका से कुछ ज्यादा ही लगाव हो गया है। राजनीति में आने से पहले ही, जब वे आरएसएस के स्वयंसेवक थे, तब भी वे अमेरिका जाते रहे थे। अब, उन्होंने (अमेरिका ने) 50% टैरिफ लगा दिया है और अब उन्होंने कहा है कि भारत को रूस से सस्ता तेल नहीं खरीदना चाहिए। मैं इसे अमेरिका का अनुचित हस्तक्षेप मानता हूं।"