रूस ने भारत को तीन एमआई-17 V-5 सैन्य मालवाहक हेलीकॉप्टरों की अंतिम खेप सौंप दी है। साथ ही ऐसे 48 नए हेलिकॉप्टरों के सौदे की तैयारी भी अतिंम दौर में चल रही है। रोस्टेक स्टेट कॉरपोरेशन की कंपनी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के साथ समझौते के तहत भारत को ‘कजान हेलीकॉप्टर प्लांट’ की ओर से निर्मित एमआई-17 V-5 हेलिकॉप्टरों की 151 इकाई की आपूर्ति होनी थी। धारक कंपनी ‘रशियन हेलीकॉप्टर्स’ के डायरेक्टर अलेक्सांद्र मिखेयेव ने कहा, ‘‘भारत ‘रशियन हेलिकॉप्टर्स’ के प्रमुख बाजारों में से एक है और दक्षिणपूर्व एशिया में रूसी हेलीकॉप्टरों का सबसे बड़े संचालक है। इस समय भारत में 400 से ज्यादा वाहन संचालित हो रहे हैं।’’
भारत को जिन एमआई-17V-5 की आपूर्ति की गई है वे प्रौद्योगिकीय रूप से सर्वाधिक विकसित हेलीकॉप्टर हैं। प्रत्येक भारतीय एमआई-17 V-5 में एक जटिल नैविगेशन और इलेक्ट्रानिक डिस्प्ले केएनईआई-8 है। भारत को मिले हेलीकॉप्टरों में विभिन्न सूचना प्रणालियों को कम कर के चार मल्टी-फंक्शन डिस्प्ले में समेटा गया है। इससे चालक दल का काम बहुत आसान हो जाता है।
रोस्टेक स्टेट कॉरपोरेशन के एक बयान में बताया गया है कि इन हेलिकॉप्टरों में कंजुगेट सिस्टम के माध्यम से सेंसरों की मदद से सभी प्रकार की सूचना को एकल मोनिटर स्क्रीन पर पेश किया जाता है जिससे उड़ान पूर्व जांच खासी आसान हो जाती है। रोसोबोरोनएक्सपोर्ट ने भारत को 80 एमआई-17V-5 की आपूर्ति करने के लिए 2008 में एक करार किया था। आपूर्ति का यह काम 2011-2013 में पूरा हो गया। इसके बाद 2012-13 में वायुसेना, गृहमंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय की जरूरतों को पूरा करने के लिए कुल 71 एमआई-17V-5 की आपूर्ति करने के लिए करार किए गए।