बसवराज बोम्मई को कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद से ही लगातार भाजपा की राज्य इकाई से असंतोष के स्वर सामने आ रहे हैं। पहले पोर्टफोलियो से नाराज राज्य के पर्यटन मंत्री आनंद सिंह ने अपना त्याग पत्र देने की कोशिश की और अपने विधायक कार्यालय को बंद कर दिया। तो वहीं अब भाजपा विधायक एम. पी. कुमारस्वामी ने भी अपनी ही सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

कर्नाटक के मुदिगेरे से सत्तारूढ़ भाजपा विधायक एम. पी. कुमारस्वामी ने बृहस्पतिवार को प्रदर्शन कर अपनी ही सरकार के खिलाफ विधानसभा क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगाया। इस दौरान विधायक एम. पी. कुमारस्वामी ने विधानसभा के बाहर प्रदर्शन भी किया। हालांकि कर्नाटक सरकार में मंत्री आर. अशोक के आश्वासन के बाद उन्होंने प्रदर्शन खत्म कर दिया।   

एम. पी. कुमारस्वामी ने कहा कि 2019 में भारी बारिश हुई और छह लोग बाढ़ में बह गए और उनके घर भी तबाह हो गए। शव ढूंढने में 15 दिन लगे, भूस्खलन के कारण कई घर और कॉफी के बागान नष्ट हो गए, हमने मुआवजे की मांग की, हमारी उपेक्षा की गई, हम चुप रहे। उन्होंने कहा कि स्थिति पिछले वर्ष और इस वर्ष भी ऐसी ही बनी रही। उन्होंने यह भी कहा कि मैं यह सवाल नहीं करना चाहता कि दूसरे क्षेत्रों पर क्यों विचार किया जा रहा है और हम पर नहीं। शिवमोगा शहर को एनडीआरएफ नियमों के तहत राहत दी गई लेकिन मुदिगेरे को नहीं दी गई जो पहाड़ी इलाका है और पश्चिम घाट में आता है और यहां भारी बारिश होती है।

 

विधायक एम. पी. कुमारस्वामी ने कहा कि सोशल मीडिया पर उनकी अपील के बाद 2018 में जब एच. डी. कुमारस्वामी मुख्यमंत्री थे तो हमें सहायता राशि दी गई और दूसरे तरीकों से भी उन्होंने सहायता करने का वादा किया था। उन्होंने कहा कि लेकिन अब अपनी पार्टी की सरकार होने के बावजूद हर वर्ष हमारी उपेक्षा की जा रही है। अपने विधानसभा क्षेत्र की दशा का जिक्र करते हुए विधायक भावुक हो गए जिस पर राजस्व मंत्री आर. अशोक ने उन्हें सांत्वना देते हुए कहा कि मैं मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से बात करूंगा और मुआवजा तथा कार्य शुरू करने के लिए कोष मुहैया कराने की खातिर आवश्यक कदम उठाया जाएगा।(भाषा इनपुट्स के साथ)