अनीशा दत्ता

पिछले साल मार्च में जब अमेरिका स्थित फ्रीडम हाउस और स्वीडन स्थित वी-डेम इंस्टीट्यूट ने भारतीय लोकतंत्र को नीचा दिखाया, (ये बताते हुए कि नागरिक समाज पर प्रतिबंध, अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक पर) तब विदेश मंत्रालय ने पलटवार करते हुए कहा था कि भारत को “उपदेशों की आवश्यकता नहीं है।” विदेश मंत्री एस जयशंकर ने “दुनिया के स्वयंभू संरक्षक” कहे जाने वाले एक गुट की आलोचना करते हुए कहा था, “भारत उनकी मंजूरी की तलाश नहीं कर रहा है, भारत वो खेल खेलने को तैयार नहीं है जिसे वे खेलना चाहते हैं।”

जमीन पर चीजें थोड़ी अलग थीं। सूचना के अधिकार अधिनियम का उपयोग करते हुए द इंडियन एक्सप्रेस द्वारा एक्सेस किए गए रिकॉर्ड की जांच से पता चलता है कि कुछ ही दिनों में, जयशंकर का मंत्रालय काम पर था। भारतीय लोकतंत्र, “The Indian way” को प्रदर्शित करने के लिए एक विस्तृत स्लाइड शो और एक टॉकिंग-पॉइंट सूची तैयार हुई। मंत्रालय ने लोकसभा सचिवालय को भी सूची भेजी जो एक स्वतंत्र कार्यालय है और लोकसभा अध्यक्ष की सलाह के तहत कार्य करता है। आधिकारिक रिकॉर्ड के आधार पर घटनाओं के क्रम पर विचार करें, जिसमें सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त ईमेल भी शामिल हैं।

3 मार्च 2021: फ़्रीडम हाउस की रिपोर्ट में भारत को “आंशिक रूप से स्वतंत्र” के रूप में दर्जा दिया गया और इसके अंक को 71 से घटाकर 67 कर दिया गया, जहां इसे “फ्री” का दर्जा दिया गया था। फ्रीडम हाउस ने कहा कि 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यभार संभालने के बाद से भारतीयों के राजनीतिक अधिकार और नागरिक स्वतंत्रता का हनन हो रहा है। इसने दर्शाया कि “मानवाधिकार संगठनों पर बढ़ता दबाव, शिक्षाविदों और पत्रकारों को बढ़ती धमकी और अल्पसंख्यकों को लक्षित करने वाले बड़े हमले” बढ़ रहें हैं।

11 मार्च 2021: वी-डेम इंस्टीट्यूट ने कहा कि भारत ने अपने 0 to 1 लिबरल डेमोक्रेसी इंडेक्स (LDI) पैमाने पर 23 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है, जो पिछले 10 वर्षों में दुनिया के सभी देशों में सबसे नाटकीय बदलावों में से एक है।

30 मार्च 2021: विदेश मंत्रालय के विदेश नीति योजना विभाग ने लोकसभा सचिवालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी को एक मेल भेजा जिसमें भारतीय लोकतंत्र पर एक पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन संलग्न था। संयुक्त सचिव (EAMO – विदेश मंत्री कार्यालय), संयुक्त सचिव (संसद) और निदेशक ( विदेश सचिव कार्यालय) सहित विदेश मंत्रालय के सात अन्य अधिकारियों को भी इसकी कॉपी भेजी गई।

5 अगस्त 2021: लोकसभा सचिवालय को विदेश मंत्रालय का दूसरा ईमेल जिसमें “भारत एक लोकतंत्र – बोलने वाले नोट्स” दस्तावेज़ भी संलग्न था। 30 मार्च की तरह ही दूसरे ईमेल की कॉपी भी पांच संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों और तीन निदेशक स्तर के अधिकारियों को भेजी गई।

द इंडियन एक्सप्रेस द्वारा आरटीआई अनुरोध के जवाब में विदेश मंत्रालय ने इन ईमेल को साझा किया। लेकिन RTI अधिनियम की धारा 8 (C) का हवाला देते हुए दो दस्तावेजों को साझा नहीं किया, जो संसद के विशेषाधिकार के उल्लंघन से संबंधित है।

आधिकारिक सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि विदेश मंत्रालय ने लोकसभा सचिवालय को यह जानकारी सिर्फ इसलिए प्रदान की ताकि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला अन्य देशों के मिशन प्रमुखों को इसकी जानकारी दे सकें।