RSS द्वारा संचालित किए जा रहे एक स्कूल में छात्रों द्वारा बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना का मंचन करने का मामला सामने आया है। घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसके बाद इस बात ने तूल पकड़ लिया है। स्कूल प्रशासन के खिलाफ इस मामले में एफआईआर भी दर्ज करायी गयी है। बता दें कि घटना कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के कल्लाडका गांव में स्थित श्रीराम विद्या केन्द्र हाई स्कूल की है।
वीडियो में दिखाई दे रहा है कि स्कूल के छात्र वार्षिक दिवस के मौके पर आयोजित हुए एक कार्यक्रम में नाटक का मंचन कर रहे हैं। इस दौरान छात्र बाबरी मस्जिद के पोस्टर को फाड़ते दिखाई दे रहे हैं। वहीं बैकग्राउंड में ‘बोलो श्री रामचंद्र की जय’ के नारे सुनाई दे रहे हैं। बाबरी मस्जिद का पोस्टर फाड़ने के बाद छात्र उसके स्थान पर राम मंदिर की आकृति उभारते हैं।
स्कूल के इस कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा, पुडुचेरी की गवर्नर किरन बेदी और कर्नाटक सरकार के मंत्री एच.नागेश और शशिकला जोल्ली भी शामिल हुए। वहीं इस घटना के खिलाफ विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने स्कूल अथॉरिटी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। भारतीय युवा कांग्रेस के नेता वाई बी श्रीवास्तव ने स्कूल अथॉरिटी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करायी है। कांग्रेस ने स्कूल प्रशासन पर सांप्रदायिक और धार्मिक नफरत को बढ़ाने का आरोप लगाया है।
शिकायत में कहा गया है कि यह देखना दुखद है कि छात्रों को इस तरह की हिंसा में शामिल होने के लिए उकसाया जा रहा है। यह किस तरह की शिक्षा है? पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेते हुए स्कूल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। यदि इस तरह की घटनाएं जारी रहेंगी तो हम और जर्मनी के नाजी एक जगह होंगे।
जब आरएसएस के दक्षिणी मध्य क्षेत्र के कमेटी मेंबर और स्कूल के ट्रस्टी कल्लाडका प्रभाकर भट्ट से इस बारे में सवाल किया गया तो द प्रिंट की खबर के अनुसार, प्रभाकर ने कहा कि इसमें गलत क्या है? आरएसएस नेता ने इसे सांप्रदायकि मानने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि “यह (बाबरी विध्वंस) ऐतिहासिक घटना है, जो इतिहास में दर्ज हो गई है। इसके मंचन में गलत क्या है? क्या हम जलियांवाला बाग की घटना का मंचन नहीं करते हैं? 6 दिसंबर को जो हुआ, उसे आप गलत कैसे कह सकते हैं। बच्चे हमारा भविष्य हैं और उन्हें पता होना चाहिए कि उस दिन क्या हुआ।”

