RSS की गोवा ईकाई ने राज्य में बढ़ते मुस्लिम वोटर्स पर चिंता जताई है। गोवा RSS के चीफ राजेंद्र भोबे ने बीजेपी की लोकल यूनिट से कहा कि वो मुस्लिम वोटर्स को अपना मतदाता न मानें और अन्य राज्यों से आए लोगों के नाम यहां की लोकल वोटर्स लिस्ट में न जुड़वाएं। उन्होंने कहा कि काम के लिए यहां पर आए मुस्लिम लोग अपने संबंधित राज्य में जाकर ही वोट डालें। उन्होंने कहा कि गोवा में मुस्लिम वोटर्स की बढ़ती संख्या का विधानसभा चुनाव में प्रभाव पड़ेगा।

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हमलों की निंदा करने वाली एक रैली में कहा कि वहां शासन में बदलाव के बाद हिंदुओं पर हमले हुए, उनके घर जला दिए गए, उनके बिजनेस लूटे गए और हिंदू महिलाओं के साथ अत्याचार किया गया। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है, पिछले 500 सालों में हिंदुओं के खिलाफ ऐसी घटनाएं होती रही हैं।

राजेंद्र भोबे ने कहा कि हिंदू सो रहे हैं। क्या हम सोते रहेंगे? हमारे ही देश में बहुत सारे ऐसे पॉकेट हैं, अगर हम इन-एक्टिव रहे तो वहां एक और पाकिस्तान बनने की संभावना है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर समय नेताओं का माइंडसेट उन्हें वोट बैंक की तरह देखने का होता है। उन्होंने कहा अगर हमें हिंदुओं की तरह रहना है तो हमें कुछ चीजें लानी ही होगीं। जब बांग्लादेश का निर्माण हुआ था, तब वहां हिंदुओं की जनसंख्या करीब 23% थी लेकिन अब वो कम होकर 7% हो गई है। अगर दस से बीस सालों में बांग्लादेश से हिंदुओं का पूरी तरह से सफाया हो जाएगा।

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‘अन्य राज्यों से बहुत सारे मुस्लिम भाई गोवा आए’

उन्होंने कहा कि गोवा में भी, यह कहा जाता है कि रेल और अन्य संसाधनों से बहुत सारे मुस्लिम भाई राज्य में आए हैं। हमारे संविधान के अनुसार, हम किसी को अन्य राज्य में जाने से नहीं रोक सकते हैं लेकिन सरकार और NGOs को डेटा जमा करने की जरूरत है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022 में गोवा में हुए विधानसभा चुनाव में राज्य में 85,000 मुस्लिम वोटर थे और कुल वोटर्स की संख्या 1.5 थी। राजेंद्र भोबे ने कहा कि वो वोटर के तौर पर सिर्फ 7.5% हैं। उनके बच्चों को देखते हुए उस समय तक राज्य में मुस्लिमों की आबादी 12% के आसपास होगी।

रिपोर्ट के अनुसार, गोवा आरएसएस चीफ ने यह मसला बीजेपी के समक्ष उठाया है। उन्होंने कहा कि 2027 गोवा विधानसभा चुनाव में ये वोटर 7.5% से बढ़कर 10 to 12% हो जाएंगे। उन्हें वोट बैंक के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए और वोटर के तौर पर उनका नाम भी दर्ज नहीं करवाना चाहिए। वे यहां काम करने आए हैं और उन्हें उनके संबंधित गांव में ही वोट करने दीजिए। अगर उनका वोट शेयर बढ़ेगा तो यह संभावना है कि इसका प्रभाव रिजल्ट पर भी पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि गोवा की हर विधानसभा में वोटर्स की संख्या तीस हजार से 35,000 के बीच हैं। उन्होंने कहा, “2022 विधानसभा चुनाव में हमने देखा कि हम 400, 500, 140 और 70 वोटों से चुनाव जीते। हम साउथ गोवा लोकसभा सीट 13,000 के मार्जिन से हार गए।”