राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के महासचिव भैय्याजी जोशी ने शनिवार को कहा कि जो भी भारत में काम करना चाहता है, उसे हिंदू समुदाय के साथ मिलकर और उनके सशक्तीकरण के लिए काम करना चाहिए। कहा कि हिंदू देश के दिल हैं। भारत को हिंदू समुदाय से अलग करके नहीं देखा जा सकता है। वह हमेशा से इस देश के केंद्र में रहे हैं। कहा कि इसका मतलब दूसरे समुदाय के खिलाफ काम करना बिल्कुल नहीं है। जिस दिन दुनिया इस विचार को स्वीकार कर लेगी, उस दिन से सभी मुद्दे हल हो जाएंगे। यह भारत का कर्तव्य है कि दुनिया को उस रास्ते पर ले चले।
गोवा की राजधानी पणजी के निकट दोना पावला में आयोजित दो दिवसीय एक व्याख्यान में उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से विश्वगुरु रहा है। प्राचीन काल से ही हिंदुओं ने भारत के उत्थान और पतन को देखा है। इस भावना की अवहेलना नहीं की जा सकती है। व्याख्यान का विषय ‘विश्वगुरु भारत, आरएसएस का दृष्टिकोण’ था। कहा सभी को हिंदुओं के लिए काम करना चाहिए।
उन्होंने मराठी भाषा में अपने व्याख्यान देते हुए कहा कि “भारत हिंदुओं से अलग नहीं हो सकता है। यदि भारत अब भी विश्व का बड़ा देश है तो इसकी वजह हिंदू हैं। सभी को इस बात को समझना होगा। कहा हिंदुओं की एक महान सभ्यता है। इसकी वजह से यह पूरे विश्व में सम्मानित हैं। व्याख्यान में गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत भी मौजूद रहे।
जोशी ने कहा, “भारत कभी खत्म नहीं होगा। यह संभवत: अकेला ऐसा देश है, जिसने इतना अधिक दमन देखा है। यह हमेशा आगे बढ़ता है। वास्तव में भारत अनंत है और यह अनंत काल तक रहेगा। इसका अर्थ है कि हिंदू समाज का कभी अंत नहीं होगा।” उन्होंने कहा कि हमारी एक भूमिका दुनिया को पढ़ाने और शिक्षा देने की है। भारत का यह कर्तव्य है कि वह दुनिया को समन्वय का पाठ पढ़ाए, और यह कार्य “भारत और हिंदुओं के अलावा कोई नहीं कर सकता है।”