देश में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है। गांव और शहरों में युवाओं की एक बड़ी संख्या रोजगार की तालाश में हैं। अब रोजगार की समस्या को जड़ से समाप्त करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने स्‍वालम्‍बन भारत अभियान शुरू किया है। इस अभियान का उद्देश्य देश को आत्मनिर्भर बनाना और अधिक से अधिक स्वरोजगार पैदा करना है। इस प्रोजेक्ट को शुरू करने का निर्णय आरएसएस की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा द्वारा लिया गया है जिसके तहत सरकारी नौकरियों पर निर्भरता घटाई जाएगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को शक्तिशाली बना रोजगार के अवसर तलाशें जाएंगे।

स्वदेशी जागरण मंच करेगा योजना का संचालन: डॉ कृष्ण गोपाल की देखरेख में योजना को चलाया जाएगा। इस योजना का संचालन स्वदेशी जागरण मंच आरएसएस की अन्य शाखाओं जैसे भारतीय मजदूर संघ, भारतीय किसान संघ, लघु उद्योग भारती,सहकार भारती, ग्राहक पंचायत और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की मदद से किया जाएगा।

स्‍वालम्‍बन भारत अभियान का मॉडल: स्‍वालम्‍बन भारत अभियान के तहत लोकल उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा। महिलाओं के स्वयं सहायता समूह, किसानों और शिल्पकारों के उत्पाद बिकने पर उन्होंने मुनाफा दिया जाएगा। योजना के मुताबिक बड़े उद्यमियों, सरकारी संस्थाओं (केंद्र और राज्य) को मिलकर आर्थिक तौर पर छोटे व्यापारियों और स्वयं सहायता समूह की मदद करनी होगी।

RSS का मेगा प्लान: सबसे पहले आरएसएस की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) स्कूलों और कालेजों में छात्रों के बीच जाकर उन्हें उद्यमी बनने के लिए प्रेरित करेगी जिससे आगे चलकर नियोक्ता बनें। लघु उद्योग भारती छोटे बिजनेस, स्वयं सहायता समूह और स्टार्टअप के साथ काम करेगी। वह स्वयं सहायता समूह और छोटे व्यापारियों को लोन दिलाने में भी सहायता करेगी। इसके साथ सरकारी विभागों से जुड़कर उत्पाद की मार्केटिंग और पैकिंग का भी प्रबंध किया जायेगा। भारतीय किसान संघ भी इस तरह से ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर अपना ध्यान केंद्रित करेगा जिससे किसानों और मजदूरों की मदद से गांव में कृषि उत्पाद से जुड़ी छोटी-छोटी इकाइयों को स्थापित किया जा सकें।

स्वदेशी जागरण मंच के सह-संयोजक अश्वनी महाजन का कहना है कि हमारी अर्थव्यवस्था में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की हिस्सेदारी मात्र 16 फीसदी है। इसे हमें 25 फ़ीसदी तक ले जाना है। समय के साथ हमारी अर्थव्यवस्था एक मैन्युफैक्चरिंग से सर्विस की तरफ़ चली गई जिसके कारण आज बेरोजगारी एक बड़ी समस्या बन गई है। हमें यदि बेरोजगारी को जड़ से खत्म करना हैं। तो फिर मैन्युफैक्चरिंग को बड़े स्तर पर बढ़ाना होगा।