पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का प्रस्तावित संघ मुख्यालय दौरा चर्चाओं में बना हुआ है। दरअसल कांग्रेस ने प्रणब मुखर्जी के संभावित संघ मुख्लायल दौरे पर नाराजगी जतायी है और उनसे संघ के कार्यक्रम में शामिल ना होने की अपील की है। बता दें कि राष्ट्रपति बनने से पहले प्रणब मुखर्जी लंबे समय तक कांग्रेस के सदस्य थे। उल्लेखनीय है कि यह कोई पहला मौका नहीं है, जब कोई विपरीत विचारधारा का व्यक्ति आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल हो रहा है, इससे पहले भी विपरीत विचारधारा के लोगों को अपने कार्यक्रमों में आमंत्रित करने का आरएसएस का इतिहास रहा है। इसका सबसे पहला उदाहरण साल 1933 का है, जब तत्कालीन संघ प्रमुख हेडगेवार के समय में सेंट्रल प्रोविंस के पूर्व गृहमंत्री सर मोरापंत जोशी को आमंत्रित किया गया था। वहीं साल 1934 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी वर्धा में आयोजित हुए आरएसएस के एक कैंप में शिरकत की थी।
साल 2007 में तो तत्कालीन सरसंघचालक केएस सुदर्शन ने पूर्व वायुसेना प्रमुख एवाई. टिपनिस संघ के कार्यक्रम में आमंत्रित किया था। गौर करने वाली बात ये है कि इस दौरान एवाई. टिपनिस और केएस सुदर्शन के बीच सेक्यूलरिज्म को लेकर बातें भी हुई थी। पूर्व वायुसेना प्रमुख ने आरएसएस को समय-समय पर अपने एजेंडे की समीक्षा करने का सुझाव दिया था। टिपनिस ने आरएसएस से अपील करते हुए कहा था कि आरएसएस देश में अहिंसा और धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देने में काफी असरदार साबित हो सकती है। टिपनिस ने सेक्यूलरिज्म, टोलेरेंस और संविधान में आस्था के मुद्दे पर अपनी बात रखी। इसके बाद केएस सुदर्शन ने अपने भाषण में एवाई. टिपनिस की बातों का प्वाइंट-टू-प्वाइंट जवाब भी दिया था।
इनके अलावा मशहूर गांधीवादी कार्यकर्ता अभय बंग भी एक बार आरएसएस के कार्यक्रम में चीफ गेस्ट के तौर पर शामिल हुए थे। इन हस्तियों के अलावा पूर्व सीबीआई चीफ जोगिंदर सिंह, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (गवई) के अध्यक्ष आरएस गवई, नेपाल आर्मी के पूर्व अध्यक्ष रुकमंगुड काटावाल, असम के पूर्व मुख्य सचिव जेपी राजखोवा, मशहूर अध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर जैसी हस्तियां भी आरएसएस के कार्यक्रमों में शामिल हो चुकी हैं। इन सभी के अलावा पू्र्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु ने आरएसएस को साल 1963 की गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने के लिए आमंत्रित भी किया था। सिर्फ 2 हफ्तों के कम नोटिस के बावजूद आरएसएस के करीब 3000 स्वयंसेवकों ने गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लिया था।