राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अपने प्रचारकों से संघ के संदेश को घर-घर तक पहुंचाने का संदेश दिया है। इसके अलावा आरएसएस ने हिंदू समाज में सामाजिक समरसता लाने के एजेंडे को जमीनी स्तर तक ले जाने को कहा है। मथुरा के दीनदयाल उपाध्याय गौ विज्ञान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित आरएसएस की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की औपचारिक बैठक के बाद रविवार को क्षेत्र और प्रांत प्रचारकों (स्वयंसेवकों) की एक बैठक हुई।

मोहन भागवत ने दिए ये निर्देश

आरएसएस सूत्रों के मुताबिक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बैठक के दौरान क्षेत्र और प्रांत स्तर के प्रचारकों को अगले साल के लक्ष्य दिए। मोहन भागवत और आरएसएस महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने पदाधिकारियों को संघ के एजेंडे (‘पंच परिवर्तन’ के माध्यम से हिंदू समाज में सामाजिक सद्भाव लाने के प्रयास) को सभी 11 क्षेत्रों और 46 प्रांत प्रचारकों में जमीनी स्तर तक ले जाने की जिम्मेदारी सौंपी।

पंच प्राण का दे रहे संदेश

सूत्रों ने कहा, ”सभी पदाधिकारियों से संघ का संदेश घर-घर तक पहुंचाने का आह्वान किया गया।” पदाधिकारियों से कहा गया कि वे अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में तय किए गये मुद्दों के अनुसार कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी जीवन शैली, सामाजिक समरसता और नागरिक कर्तव्य के पंच परिवर्तन का संदेश हर गांव और कस्बे तक पहुंचायें और लोगों को उनका अनुसरण करने के लिए प्रेरित करें।

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आरएसएस को शताब्दी वर्ष के लिए निर्धारित संगठनात्मक लक्ष्यों को भी हासिल करना है। सभी प्रचारकों को इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के तरीकों के बारे में भी सिखाया गया और उन्हें 100वें स्थापना दिवस (2025 की विजयादशमी) तक इन योजनाओं को कैसे पूरी तरह से साकार करना है। आरएसएस की केंद्रीय कार्यकारी मंडल की बैठक 25 और 26 अक्टूबर को हुई थी, जिसमें कुल 386 पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया था।

आरएसएस प्रमुख ने अलग-अलग ग्रुप्स में कार्यकर्ताओं से मुलाकात की थी और उनके द्वारा किए गए कार्यों का विवरण जानने के बाद उन्हें भविष्य के लक्ष्यों के लिए मार्गदर्शन किया था। सूत्र के मुताबिक आरएसएस से जुड़े विभिन्न संगठनों के प्रचारकों के लिए मध्य प्रदेश के ग्वालियर में 31 अक्टूबर से 4 नवंबर तक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इसमें 31 संगठनों के 554 प्रचारक हिस्सा लेंगे। शिविर में आरएसएस के सभी वरिष्ठ पदाधिकारी भाग लेंगे।