राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने सोमवार को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बयान पर आपत्ति जाहिर की। RSS की ओर से कहा गया कि हिंदुत्व को हिंसा से जोड़ना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। वहीं संघ के ही एक सहयोगी संगठन विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने भी राहुल गांधी के भाषण की निंदा की है।
आरएसएस ने जताया राहुल के बयान का विरोध
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने सोमवार को कहा कि संसद में जिम्मेदार, महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोगों द्वारा हिंदुत्व को हिंसा से जोड़ना अत्यंत दुर्भाग्यजनक है। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व चाहे विवेकानंद का हो या गांधी का वह सौहार्द्र व बंधुत्व का परिचायक है और इसके बारे में ऐसी प्रतिक्रिया ठीक नहीं है।
VHP ने भी घेरा
इसके बाद VHP के अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि लोकसभा में राहुल गांधी ने बहुत ही नाटकीय आक्रामकता से भरा भाषण दिया है। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के नाते शायद उनके पहला भाषण में अपने आप को साबित करने का जोश होगा। इस दौरान वह बोल गए कि हिंदू समाज हिंसक होता है। आलोक कुमार ने कहा कि हिंदू समाज हमेशा शांतिपूर्वक रहा है, जिसने धर्म प्रचार या धर्म परिवर्तन के लिए हिंसा का सहारा नहीं लिया।
आलोक कुमार ने कहा, “जिस हिंदू समाज के भिक्षुक पैदल ही दुनिया का भ्रमण करते थे। अपने प्रेम से, तर्क से, करुणा से लोगों को हिंदू बनाते थे। उस समाज पर ऐसा आरोप लगाने की तो कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। आजादी के बाद से जो कांग्रेस बनी, उसमें यही चलता रहा है। ‘सेक्लुरिज्म’ का भी यही अर्थ था कि अपने ही देश में हिंदू बेगाना हो जाए। अन्य धर्मों के लोग अपने धर्मों का पालन करें लेकिन हिंदू को कहते थे कि तुम धर्मनिरपेक्ष रहो।
आलोक कुमार ने राहुल गांधी के हिंदू भगवा आतंकवाद का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हिंदुओं को अपमानित करने और उन्हें एक कोने में खड़ा कर देने से अगर वह सोचते हैं कि उन्हें वोट मिलेंगे तो उन्हें ध्यान रखने की जरूरत है कि कांग्रेस की 99 सीट 100 में से नहीं 543 में से आई हैं।
