राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर संघ का कोई नियंत्रण नहीं है। मोहन भागवत ने कहा कि मीडिया हमें सरकार के रिमोट कंट्रोल के तौर पर पेश करता है जो कि सही नहीं है।
संघ प्रमुख ने कहा, ”उनके पास अलग अधिकारी हैं, उनकी नीतियां अलग हैं और काम करने के तरीके हैं। विचार और संस्कृति संघ के हैं और वह प्रभावी हैं। कुछ मुख्य लोग वहां (सरकार में) काम कर रहे हैं, वे संघ से हैं और संघ के रहेंगे। मीडिया में जैसा बताने की कोशिश की जाती है, वैसा कुछ नहीं है।” भागवत ने कहा, ”लोग हमसे पूछते हैं कि हमें सरकार से क्या मिलता है, मेरा जवाब यह है कि हमारे पास जो भी है उसे हमें खोना भी पड़ सकता है।”
भागवत ने कहा, ‘सरकारें हमारे खिलाफ थीं। हमेशा विरोध होता रहा है। संघ सभी अड़चनों से निकलकर 96 वर्षों से निरंतर चल रहा है। चूंकि इतने स्वयंसेवक तैयार हो रहे हैं इसलिए वे चुपचाप या बेकार नहीं बैठेंगे। समाज में जहां कहीं भी काम करने की जरूरत मालूम पड़ती है, वे हमेशा उपलब्ध रहते हैं।”
मोहन भागवत हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में पूर्व सैनिकों को संबोधित कर रहे थे। भागवत ने तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जान गंवाने वाले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 12 सशस्त्र बलों के जवानों के निधन पर दुख व्यक्त किया और उनकी याद में एक मिनट का मौन रखा।
शनिवार की शाम धर्मशाला में हुए इस कार्यक्रम में करीब एक हजार पूर्व सैनिक शामिल हुए। इस दौरान आरएसएस प्रमुख ने उनसे संघ के बारे में और जानने की अपील की। मोहन भागवत ने कहा कि सभी भारतीयों का डीएनए एक ही है। संघ प्रमुख ने कहा, “40,000 सालों पहले से भारत के सभी लोगों का डीएनए वही है जो आज के लोगों का है। हम सभी के पूर्वज एक ही हैं और उन्हीं के कारण हमारा देश फला-फूला और हमारी संस्कृति बनी रही।”