राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि संघ के पास बीजेपी का ‘रिमोट कंट्रोल’ नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि संघ का देश में होने वाले चुनावों से भी कोई लेना-देना नहीं है। मोहन यह बातें उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में संघ कार्यकर्ताओं के कार्यक्रम में कही। भागवत ने कहा ‘हमारा चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है। हम एकसाथ मिलकर बीते 60 साल से भारत की मूल्यों की रक्षा लिए काम कर रहे हैं। हमारा संगठन 130 करोड़ लोगों के लिए काम कर रहा है।’

संगठन के बारे में विस्तार से बताते हुए, 69 वर्षीय नेप्रमुख ने कहा कि किसी को भी स्वयंसेवक कहा जा सकता है, बशर्ते उसकी विचारधारा राष्ट्रीय एकता की होनी चाहिए, भले वह आरएसएस की शाखा में नहीं आता हो। सब प्रेम का मामला है। संघ से जुड़े लोग अलग-अलग वर्गों में स्वतंत्र रूप से काम करते हैं।

उन्होंने कहा कि ‘देश की पहचान सबसे कमजोर व्यक्ति से होती है। देश के हर नागरिक को मजबूत बनाना है। हमारे देश की संस्कृति हिंदू है जिसमे सभी धर्मो का समावेश है। कई शीर्ष स्तर के बुद्धिजीवी एवं समाज सुधारक हैं जो हमारे साथी नहीं हैं लेकिन उनकी विचारधारा हमसे मिलती है। यह हमारी सफलता है।’

मोहन भागवत ने कहा ‘आरएसएस 1925 में बना था तब वह बहुत कम लोगों के साथ काम रहा था लेकिन राष्ट्रनिर्माण के प्रति अपनी सतत निष्ठा के चलते देशभर में 1.3 लाख शाखाओं के साथ एक बहुत बड़ा संगठन बन गया है।’

मालूम हो कि विपक्ष लगातार आरोप लगाता रहता है कि भाजपा को आरएसएस ‘रिमोट कंट्रोल’ से चला रही है। आरएसएस का बीजेपी के फैसलों पर सीधा दखल होता है वहीं विपक्ष का यह भी कहना है कि आरएसएस चुनाव में भी दखल देती है।