पहलगाम आतंकी हमले के बाद पूरा देश गुस्से में है। हर कोई पाकिस्तान से बदला चाहता है। इस बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने बड़ा बयान दिया है। मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि अहिंसा हमारा धर्म है लेकिन अत्याचारियों को दंडित करना भी राजा का कर्तव्य होता है। राजा का मतलब उनका यहां पर सरकार से था। मोहन भागवत ‘द हिंदू मेनिफेस्टो’ नामक पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

राजा का कर्तव्य है कि वह अपनी प्रजा की रक्षा करे- भागवत

मोहन भागवत ने कहा कि भारत कभी भी पड़ोसी देश को हानि नहीं पहुंचता लेकिन यदि कोई देश या गुट गलत रास्ता अपनाता है और अत्याचार करता है तो राजा का कर्तव्य है कि वह अपनी प्रजा की रक्षा करे। मोहन भागवत ने रावण वध का उदाहरण देते हुए कहा कि भगवान ने रावण का संहार किया और वह हिंसा नहीं थी। मोहन भागवत ने कहा कि अत्याचारियों को रोकना हमारा धर्म है। राजा का कर्तव्य है कि वह जनता की रक्षा करें और दोषियों को सजा दे।

मोहन भागवत ने कहा कि रावण का वध उसके कल्याण के लिए हुआ था। यह हिंसा नहीं बल्कि अहिंसा थी। मोहन भागवत ने कहा कि जब कोई अत्याचार की सारी सीमाएं पार कर लेता है और सुधार का कोई उपाय नहीं बचता, तो उसका वध करना एक प्रकार की अहिंसा है और धर्म का पालन है।

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मोहन भागवत ने अपने पूरे भाषण में पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र तो नहीं किया लेकिन माना जा रहा है कि उन्होंने इसको ध्यान में रखकर ही बयान दिया है। हालांकि उन्होंने पाकिस्तान का भी जिक्र नहीं किया है। लेकिन माना जा रहा है कि वह पाकिस्तान पर ही बोल रहे थे।

मोदी सरकार ने लिए क्या फैसले?

पहलगाम आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत हुई है। इसमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल है। आतंकी हमले के बाद मोदी सरकार ने कड़ा कदम उठाया और सिंधु जल समझौते पर रोक लगा दी। इसके अलावा पाकिस्तानी नागरिकों के सभी प्रकार के वीजा भी कैंसिल कर दिए गए। साथ ही पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के अंदर भारत छोड़ने का भी निर्देश दे दिया गया।