जयपुर में मंदिरों को तोड़ने से अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ वसुंधरा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी में है। संघ परिवार की नाराजगी से सरकार के साथ ही भाजपा में भी बेचैनी है। हिंदू जागरण मंच की अगुआई में 9 जुलाई को जयपुर में दो घंटे का चक्का जाम आंदोलन कर संघ वसुंधरा सरकार की नीतियों का विरोध करेगा।
ललित मोदी की मदद के विवादों से घिरीं मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के लिए अब अपने ही संगठन मुश्किलें खड़ी करने में जुट गए हैं। जयपुर में विकास के नाम पर लगातार मंदिरों को तोड़े जाने की सरकार की कार्यशैली को लेकर संघ से जुड़े संगठनों ने कई बार एतराज जताया था। विश्व हिंदू परिषद ने तो आंदोलन कर सरकार को ज्ञापन देकर मंदिर नहीं तोड़े जाने की मांग की थी।
जयपुर के ढाई सौ साल पुराने रोजगारेश्वर मंदिर को तोड़े जाने का विरोध तो शहर के कई पुराने भाजपाइयों तक ने किया था। सरकार की प्रशासनिक मशीनरी ने इसकी कोई परवाह नहीं कर कई मंदिरों को धाराशायी कर दिया। सरकार के इस मामले में सुनवाई नहीं करने से ही संघ के कार्यकर्ताओं में गुस्सा पनप रहा था।
संघ सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, गुरुवार रात को संघ के प्रदेश मुख्यालय में आला प्रचारकों की मौजूदगी में ही दो घंटे का चक्का जाम आंदोलन का फैसला किया गया। इस आंदोलन के लिए संघ के कार्यकर्ता अपनी शाखाओं के जरिए संदेश भी फैला रहे हैं। संघ ने पूर्व में रामसेतु को तोड़ने की योजना के विरोध में भी ऐसा ही चक्का जाम किया था जो कांग्रेस शासन के दौरान हुआ था।
संघ सूत्रों का कहना है कि अब तक 85 से ज्यादा मंदिर तोड़े जा चुके हैं और करीब 35 और तोड़े जाने की तैयारी सरकार ने की है। इनमें से कई ऐतिहासिक है और उनमें हिंदुओं की गहरी आस्था जुड़ी हुई है। सरकार को चेताने के लिए ही दो घंटे का चक्का जाम किया जाएगा। इसमें शहर को पूरी तरह से ठप कर दिया जाएगा।
इसके लिए संघ के कार्यकर्ता अभी से सक्रिय होकर लोगों को अपने साथ जोड़ने की मुहिम करेंगे। संघ से जुड़े संगठनों के पदाधिकारियों और शाखा प्रमुखों ने गुरुवार देर रात आला प्रचारकों की मौजूदगी में ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का फैसला किया।
संघ के सरकार के विरोध में उतरने से ही प्रदेश भाजपा में हड़कंप मच गया। भाजपा के कई नेता शुक्रवार को संघ के पदाधिकारियों से मिलने के लिए संघ कार्यालय भारती भवन भी पहुंचे। संघ प्रचारकों ने साफ कर दिया कि स्वयंसेवकों की भावना से जुड़ा मसला होने के नाते सरकार को ही अपनी नीति बदलनी पड़ेगी।
संघ परिवार के संगठनों की आपात बैठक में हुए फैसले से भाजपा और सरकार से जुड़े लोग सकते में आ गए हैं। उनका मानना है कि पहले से ही भाजपा संगठन को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। अब अपने ही लोग नाराज होकर सड़क पर उतरेंगे तो खासी बदनामी होगी। सरकार में भी शुक्रवार को मंथन के दौर चलते रहे और कयास लगाए गए कि जल्द ही सुलह हो जाएगी।
भाजपा सूत्रों का कहना है कि संघ परिवार कई मामलों को लेकर वसुंधरा सरकार की नीतियों से पहले से ही नाराज चल रहा है। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जब जयपुर आए थे और संघ मुख्यालय गए थे तब भी उन्हें नाराजगी से अवगत करा दिया गया था। संघ ने साफ तौर से सरकार की कार्यशैली पर अपनी नाराजगी जताई थी।