राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की इकाई स्वदेशी जागरण मंच ने प्रधानमंत्री मोदी को खत लिखकर शिकायत दर्ज कराई है। एसजेएम का कहना है कि टेलीकॉम विभाग के अधिकारी सर्विस नियम का उल्लंघन करते हुए चाइनीज टेलीकॉम कंपनी हुवावे की कॉन्फ्रेंस में शामिल होने जा रहे हैं और ऐसा करने से उन्हें रोका जाना चाहिए। स्वदेशी तकनीक पर भरोसा करने के लिए पीएम से आग्रह करते हुए स्वदेशी जागरण मंच ने चीनी कंपनी के साथ साझेदारी को लेकर सुरक्षा चिंताओं का हवाला दिया है। आरएसएस की आर्थिक शाखा स्वदेशी जागरण मंच ने चीन के साथ व्यापार को लेकर पहले भी विरोध जताया है।

पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा गया है कि टेलीकॉम विभाग के लोगों को इस कॉन्फ्रेंस में जाने से रोका जाना चाहिए। उनका कहना है कि यह कॉन्फ्रेंस पहले से ही कई देशों के शक के घेरे में है और अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों में प्रतिबंध लगा हुआ है। एसजेएम के राष्ट्रीय समन्वयक अश्विनी महाजन ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि सिविल सेवा के नियमों के मुताबिक अधिकारियों को देश की सुरक्षा और अखंडता को तरजीह देनी चाहिए लेकिन यहां अधिकारी चीनी कंपनी द्वारा प्रायोजित कॉन्फ्रेंस में जा रहे हैं। हुवावे और अन्य कंपनी के द्वारा प्रायोजित यह कॉन्फ्रेंस पहले से ही शक के दायरे में हैं। भारत में भी चीनी कंपनी हुवावे की कार्यप्रणाली पारदर्शी नहीं रही है और इस पर अभी गहनता से जांच की जानी है।

एसजेएम ने बड़ी चीनी टेलीकॉम कंपनियों के भारत में निवेश को लेकर भी चेताया है। उनका कहना है कि भारतीय टेलीकॉम सेक्टर में चीनी कंपनियों की प्रभुत्व काफी खतरनाक है। यह सिर्फ देश के लिए ही खतरा नहीं है बल्कि यह देश के उद्योगपतियों के लिए भी खतरनाक साबित होगा। भारत को इस मामले में कड़े कदम उठाने चाहिए।उन्होंने उल्लेखित किया कि टेलीकॉम सचिव अरुणा सुंदरराजन ने पिछले महीने सुनिश्चित किया था कि दूरसंचार विभाग चीनी कंपनी के साथ कोई साझेदारी नहीं करेगा।चीनी कंपनी के साथ साझेदारी तभी होगी जब यह सुनिश्चित हो जाएगा कि देश को इससे कोई खतरा नहीं है।