दलित शोधार्थी रोहित वेमुला की कथित आत्महत्या के मुद्दे पर जारी आंदोलन से जुड़ते हुए हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (एचसीयू) की अनुसूचित जाति-जनजाति कर्मचारी कल्याण एसोसिएशन ने शुक्रवार क ‘विरोध दिवस’ का आयोजन किया। अनुसूचित जाति-जनजाति शिक्षक फोरम और संबंधित शिक्षकों ने भी शुक्रवार सुबह अपनी क्रमिक भूख हड़ताल जारी रखी जो गुरुवार से शुरू हुई थी।

सामाजिक न्याय संयुक्त कार्यसमिति के प्रतिनिधि ने कहा कि फोरम के सदस्यों ने विश्वविद्यालय के विजिटर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को अपनी इस मांग के संबंध में पत्र लिखा है कि कुलपति अप्पा राव पोडिले को हटाया जाना चाहिए तथा प्रभारी कुलपति विपिन श्रीवास्तव को पद से अलग किया जाना चाहिए। वेमुला ने 17 जनवरी को हास्टल के कमरे में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। संयुक्त कार्यसमिति ने हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय परिसर में चल रहे आंदोलन के प्रति एकजुटता व्यक्त करने के उद्देश्य से देश भर के विश्वविद्यालयों में सामूहिक भूख हड़ताल का आह्वान किया है।

छात्रों के दो समूहों ने पूर्व में एचसीयू में प्रदर्शन स्थल पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की थी। हालांकि उनकी स्वास्थ्य स्थिति पर चिंता के चलते उन्हें अस्पताल भेज दिया गया। संयुक्त कार्यसमिति (जेएसी) के प्रतिनिधि ने कहा कि अपनी मांगों को लेकर समिति की योजना फरवरी के पहले सप्ताह में राष्ट्रपति से मिलने के लिए दिल्ली जाने की है। जेएसी की मुख्य मांगों में विश्वविद्यालय में वंचित तबके के छात्रों के साथ किसी भी अन्याय को रोकने के लिए ‘रोहित एक्ट’ लाए जाने और देश में पिछले 20 वर्षों में विश्वविद्यालयों में कथित जातिगत और शैक्षिक भेदभाव के मुद्दों को देखने के लिए एक समिति बनाए जाने जैसी मांगें शामिल हैं।

राष्ट्रपति को भेजे गए पत्र पर 93 ‘संबंधित शिक्षकों’ के हस्ताक्षर हैं। इसमें विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रभारी कुलपति को उनके पदों से हटाने का आग्रह किया गया है। इस बीच, आंदोलित छात्रों ने प्रभारी कुलपति विपिन श्रीवास्तव को हटाए जाने की मांग करते हुए प्रशासनिक ब्लाक के समक्ष प्रदर्शन किया।

गैर शिक्षण कार्य से जुड़े कई सदस्यों ने श्रीवास्तव को बताया कि वे कार्यालय बंद रहने की वजह से काम करने में सक्षम नहीं हैं और हर रोज विश्वविद्यालय आने के बाद घर वापस लौट रहे हैं। गैर शिक्षण कर्मियों ने कहा कि वे अपना नियमित काम करना चाहते हैं और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को पद से हटाए जाने जैसी कुछ मांगें कुलपति के अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं।

उनके अनुसार छात्रों के विरोध के चलते प्रशासनिक ब्लॉक से वापस लौटे श्रीवास्तव ने कहा कि वह कार्यालय का कामकाज जल्द शुरू करने के प्रयास करेंगे। प्रभारी कुलपति ने दो दिन पहले प्रदर्शन स्थल पर आंदोलित छात्रों से बात करने की कोशिश की थी, लेकिन नारेबाजी के चलते उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा।