राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष और पूर्व केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दरअसल कुशवाहा दो केन्द्रीय विद्यालयों के लिए जमीन की मांग को लेकर पटना के मिलर स्कूल में आमरण अनशन कर रहे हैं। रालोसपा चीफ बीती 26 नवंबर से अनशन कर रहे हैं और उन्हें मिलर स्कूल में अनशन करने के लिए 29 नवंबर तक का समय दिया गया था। हालांकि राज्य सरकार की तरफ से दी गई इजाजत बुधवार को ही वापस ले ली गई है, लेकिन कुशवाहा अपनी मांग पूरी होने तक अनशन करने की बात पर अड़े हैं।

गौरतलब है कि गुरुवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता और एमएलसी संजय पासवान भी उपेन्द्र कुशवाहा से मिलने पहुंचे और उनके अनशन को अपना समर्थन दिया। संजय पासवान का कहना है कि ‘शिक्षा के मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। कुशवाहा की मांग जायज है और बिहार सरकार को दो नए केन्द्रीय विद्यालयों को लिए जमीन ट्रांसफर करनी चाहिए।’

बता दें कि एनडीए सरकार के पहले कार्यकाल में जब उपेन्द्र कुशवाहा केन्द्र में मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री थे, उस वक्त बिहार में दो केन्द्रीय विद्यालय के लिए मंजूरी दी गई थी। अब बुधवार को सीएम नीतीश कुमार ने यह कहकर स्कूलों के लिए जमीन देने से इंकार कर दिया कि ‘राज्य सरकार जमीन नहीं देगी और केन्द्र सरकार को स्कूलों के लिए जमीन खरीदनी चाहिए।’ मीडिया से बातचीत में नीतीश कुमार ने कहा कि ‘हमारी योजना राज्य की हर पंचायत में एक हाईस्कूल खोलने की है। हम केन्द्रीय विद्यालय खोलने के पक्ष में नहीं हैं, जहां काफी कम गरीब और पिछड़े वर्ग के बच्चों को शिक्षा मिलती है।’

राज्य सरकार ने 29 जून, 2017 को केन्द्र सरकार को एक चिट्ठी लिखकर मांग की थी कि जो दो नए केन्द्रीय विद्यालय खोले जाएंगे उनमें कम से कम 50 प्रतिशत और अधिकतम 75 प्रतिशत स्थानीय बच्चों को एडमिशन मिलना चाहिए। इस पर केन्द्रीय विद्यालय संगठन के एडिशनल कमिश्नर जीके श्रीवास्तव ने बिहार के शिक्षा सचिव को लिखे पत्र में बताया कि ‘केन्द्रीय विद्यालय संगठन ऐसी किसी शर्त को नहीं मान सकता। हालांकि यह बताना जरुरी है कि बिहार के केन्द्रीय विद्यालयों में मौजूदा वक्त में 62.07 प्रतिशत छात्र बिहार के ही हैं।’

वहीं नीतीश सरकार द्वारा स्कूलों के लिए जमीन नहीं दिए जाने पर रालोसपा ने सीएम पर निशाना साधा है और कहा है कि ‘नीतीश कुमार हमारे नेता को इस मुद्दे पर राजनैतिक फायदा ना मिल जाए, इस बात से डरे हुए हैं।’ रालोसपा नेता जितेन्द्र नाथ ने बताया कि बिहार में अभी 28 केन्द्रीय विद्यालय परमानेंट बिल्डिंग में चल रहे हैं, जिनमें से 25 के लिए राज्य सरकार ने जमीन दी है। बिहार में फिलहाल कुल 48 केन्द्रीय विद्यालय हैं।