बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा को टक्कर देने के लिए सभी विपक्षी दलों को लामबद्ध करने में जुटे हैं। इसी क्रम में वह शुक्रवार (23 जून, 2023) को विपक्षी दलों के साथ बैठक करने वाले हैं। हालांकि, राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी इसमें शामिल नहीं होंगे। उन्होंने पत्र लिखकर इस बारे में मुख्यमंत्री को सूचित किया है। उन्होंने यह भी बताया है कि वह बैठक में क्यों शामिल नहीं हो पाएंगे।
पारिवारिक कार्यक्रम के कारण नहीं हो सकेंगे बैठक में शामिल
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखे पत्र में उन्होंने एक पारिवारिक कार्यक्रम का हवाला देते हुए कहा कि वह शुक्रवार को पटना में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे। उन्होंने कहा कि यह पारिवारिक कार्यक्रम पहले से ही निर्धारित था। जयंत चौधरी के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय लोक दल समाजवादी पार्टी का सहयोगी है, लेकिन हाल में यूपी में हुए शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में सीट बंटवारे को लेकर मतभेदों के बीच पिछले कुछ महीनों में दोनों दलों के बीच दूरियां नजर आ रही हैं हालांकि, आरएलडी नेताओं ने गुरुवार (22 जून, 2023) को कहा कि दोनों सहयोगियों के बीच मतभेद अब सुलझ गए हैं।
पत्र में की ये अपील
जयंत चौधरी के अलावा, विपक्ष की बैठक में एक और बड़ी कमी बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती की होगी। उन्हें जनता दल (यूनाइटेड) की ओर से आमंत्रित नहीं किया गया था। चौधरी ने अपने पत्र में कहा कि समय की मांग है कि समान विचारधारा वाले विपक्षी दल एकजुट हों क्योंकि तानाशाही और सांप्रदायिक शक्तियां लोकतंत्र और सामाजिक सद्भाव के लिए खतरा बन गई हैं।
बैठक विपक्षी एकता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगी: जयंत चौधरी
उन्होंने अपने पत्र में यह भी कहा कि देश की समस्याओं और चुनौतियों पर चर्चा करके विपक्ष एक दूरदर्शी और व्यावहारिक दृष्टिकोण जनता के सामने रख सकता है। हम मिलकर युवाओं, महिलाओं, किसानों और वंचित वर्गों का विश्वास जीत सकते हैं और देश में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। चौधरी ने अपने पत्र में कहा कि उन्हें विश्वास है कि यह बैठक विपक्षी एकता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगी। उन्होंने कहा, “मैं आपको अपने उद्देश्य में सफल होने के लिए शुभकामनाएं देता हूं।”
आरएलडी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि चौधरी शुक्रवार की बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे, लेकिन वह जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार की पहल का समर्थन करते हैं। आरएलडी नेता ने कहा कि जयंत चौधरी का अपने परिवार के साथ विदेश जाने का पूर्व-निर्धारित कार्यक्रम था। उनके कुछ रिश्तेदार वहां रहते हैं, और कार्यक्रम पहले से तय था। उन्होंने कहा कि वह नीतीश कुमार और विपक्ष को एक साथ लाने के उनके प्रयासों का समर्थन करते हैं। अगर वह देश में होते तो शुक्रवार को बैठक के लिए जरूर जाते।