उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल ने एक साथ चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में जहां जयंत चौधरी की आरएलडी ने 8 सीटें जीती तो वहीं सपा 111 सीटें जीती हैं। ऐसे में सत्ता पर काबिज होने के लिए बहुमत भाजपा और उसके सहयोगी दलों को मिला है। बता दें कि इस चुनाव में भाजपा प्लस ने 273 सीटें जीती हैं।

ऐसे में आरएलडी नेता जयंत चौधरी ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए स्वीकार करते हुए कहा कि चुनाव में हमारा जो मकसद था वो हमें प्राप्त नहीं हुआ लेकिन सीएम योगी जी ने जिस क्षेत्र में गर्मी निकालने की बात कही थी वहां भाजपा को नुकसान हुआ है। कैराना पलायन का मुद्दा बनाने की कोशिश की गई थी भाजपा की तरफ से लेकिन उस जिले की तीन सीटों पर गठबंधन की जीत हुई है।

जयंत चौधरी ने कहा कि जिस नेता ने भी ध्रुवीकरण करने की कोशिश की, और हिंदू मुसलमान करने की कोशिश, उन क्षेत्रों में भाजपा की हार हुई है। और यह भी हमारे लिए एक सफलता ही है। बता दें कि बागपत, बड़ौत, बुलंदशगर, आगरा, नोएडा और गाजियाबाद में सपा गठबंधन की जीत उम्मीद के मुताबिक नहीं हुई। इसको लेकर जयंत चौधरी ने कहा कि हमें गंभीरता से इन परिणामों पर सोचने की जरुरत है।

उन्होंने कहा चुनाव काफी लंबे समय तक चला, इससे मतदाता भी थक गये थे। जिसका नुकसान हमें देखने को मिला। चुनाव लंबा खिच जाने से भाजपा को फायदा हुआ। जाट वोटों को लेकर चौधरी ने कहा कि जाट कितना है, गुर्जर कितना है, इसकी कोई सटीक संख्या नहीं है। जातीय जनगणना की मांग इसी को लेकर हो रही है कि इनकी सही संख्या पता चल सके। ऐसे में किसके साथ कितने जाट मतदाता गए, यह कहना मुश्किल है।

उन्होंने कहा कि जाट वोटों को लेकर सिर्फ अनुमान ही लगाए जा रहे हैं। लेकिन हमें हर जाति-बिरादरी के वोट मिले हैं। वहीं सपा और आरएलडी के गठबंधन को लेकर जयंत चौधरी ने कहा कि हमने चयन को लेकर गलतियां की। हमारे कई प्रत्याशी बहुत कम वोटों से हारे हैं। जिसमें आगे हम सुधार करेंगे।

लोकसभा में भी रहेगा साथ: आगामी लोकसभा चुनाव में सपा और आरएलडी के साथ आने को लेकर जयंत चौधरी ने कहा कि हम विधानसभा चुनाव साथ लड़े हैं और आने वाले लोकसभा चुनाव भी साथ लड़ने के लिए रणनीति बनाएंगे। न्यूज चैनल एनडीटीवी से बात करते हुए जयंत ने कहा कि जिस तरह से रैलियों में लोगों की भीड़ दिखी वो वोट में परिवर्तित नहीं हो सकी।

उन्होंने कहा कि योगी जी ने भले ही लोगों को 80-20 कहकर, धमकाकर लोगों से वोट लिए लेकिन उनकी संख्या इस बार विधानसभा में कम हुई है। वो सफल नहीं हुए हैं।