राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रमुख चौधरी अजित सिंह का गुरुवार को कोरोना से निधन हो गया। बताया गया है कि अजित सिंह ने गुरुग्राम के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे 22 अप्रैल को कोरोना से संक्रमित पाए गए थे। इसके बाद से ही उनका इलाज चल रहा था। हालांकि, संक्रमण उनके फेफड़ों तक पहुंच गया था, जिसके बाद मंगलवार को उनकी हालत नाजुक बताई गई थी। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था।
समर्थकों का कहना था कि निमोनिया गहराने की वजह से अजित सिंह वेंटिलेटर पर रखे गए थे। वे कुछ बोल तक नहीं पा रहे थे। सोमवार को उन्होंने आंखें खोलकर हाथ हिलाए थे, लेकिन इसके बाद से ही बेहोशी की हालत में थे। अस्पताल की तरफ से भी उनके स्वास्थ्य को लेकर कोई बयान सामने नहीं आ रहा था।
अजित सिंह का परिचय?: रालोद नेता अजित सिंह भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बेटे थे। उनका जन्म 12 फरवरी, 1939 को उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुआ था। लोकप्रिय जाट नेता के रूप में अपनी पहचान बना चुके अजीत सिंह लखनऊ विश्वविद्यालय और आईआईटी खड़गपुर जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से शिक्षा ग्रहण की थी। उनके परिवार में पत्नी राधिका सिंह और दो बच्चे हैं। अजीत सिंह के बेटे जयंत चौधरी भी मथुरा निर्वाचन क्षेत्र से पंद्रहवीं लोकसभा के सदस्य रहे थे।
अजित सिंह का दबदबा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में काफी ज्यादा था। वे जाटों के बड़े नेता माने जाते थे। वे कई बार केंद्रीय मंत्री भी रहे थे। लेकिन पिछले 2 लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान उनकी पार्टी का ग्राफ तेजी से गिरा। यही वजह रही कि अजित सिंह अपने गढ़ बागपत से भी लोकसभा चुनाव हार गए। अजित सिंह के पुत्र जयंत चौधरी भी मथुरा लोकसभा सीट से चुनाव हार गए थे।
राजनीतिक हस्तियों ने दी श्रद्धांजलि: अजित सिंह के निधन पर देशभर में राजनीतिक हस्तियों ने शोक जताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। वे हमेशा किसानों के हित में समर्पित रहे। उन्होंने केंद्र में कई विभागों की जिम्मेदारियों का कुशलतापूर्वक निर्वहन किया। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति!”
वहीं, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्विटर पर लिखा, “राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख और पूर्व केन्द्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह के निधन की सूचना से दुख हुआ। उन्होंने किसानों के हित में हमेशा आवाज उठायी। जनप्रतिनिधि व मंत्री के रूप में उन्होंने देश की राजनीति पर अलग छाप छोड़ी। उनके परिवार और शुभचिंतकों के प्रति मेरी शोक संवेदनाएं।”
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अजित सिंह के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने उनसे रिश्ते याद करते हुए कहा- उनका जाना मेरी निजी क्षति है। मैंने तो उनके साथ मंत्रिमंडल में भी काम किया था। वह काफी पढ़े-लिखे किसान नेता थे, जो कभी किसी आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति या सोच के साथ नहीं रहे। अब उनके पुत्र के लिए मेरी यही शुभकामना होगी कि वह पिता की परंपरा को आगे बढ़ाएं।
इससे पहले जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने लिखा, “अजित सिंह जी के निधन के बारे में सुनकर चौंक गया हूं। सोच भी नहीं सकता कि आप किन हालात से गुजर रहे हैं जयंत चौधरी। मेरे पिता और मैं जिनका आपके पिता के साथ लंबा और गहरा साथ रहा है, अपनी प्रार्थनाएं और संवेदनाएं भेजते हैं।”
Shocked to hear of the demise of Ajit Singh ji. I can’t begin to imagine what you are going through @jayantrld. I join my father, who had a long & warm association with your father, in sending our condolences & prayers.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) May 6, 2021
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने ट्विटर पर लिखा, “श्री अजित सिंह जी के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ। उनकी आत्मा को शांति मिले। जयंत आपको इस दुख से मुकाबला करने की शक्ति मिले।” दूसरी तरफ तहसीन पूनावाला ने कहा, “पूर्व कैबिनेट मंत्री और रालोद के नेता अजीत सिंह जी के निधन की खबर सुनकर अफसोस हुआ। मेरे परिवार की ओर से चौधरी परिवार के प्रति संवेदनाएं। ओम शांति।”

