बिहार की राजनीति में तेज प्रताप यादव एक ऐसे नेता हैं, जो अपने बयानों और गतिविधियों के चलते चर्चा में बने रहते हैं। कभी बांसुरी बजाते हुए, तो कभी भगवान शिव के रूप में सामने आने वाले तेज प्रताप यादव राजनीति में खुद से साबित करने में लगे हुए हैं। हालांकि उनकी कोशिशें पारिवारिक कलह में ही उलझती नजर आ रही हैं। बता दें कि तेज प्रताप और उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव के बीच अनबन की खबरें अक्सर सुर्खियां बटोरती हैं।
अनबन की खबरों को बताया अफवाह: दोनों भाइयों के बीच अनबन की वजह से राष्ट्रीय जनता दल(राजद) को नुकसान होता दिखाई दे रहा है। ऐसे में अब तेज प्रताप का एक बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि उनके और तेजस्वी के बीच कोई भी अनबन नहीं है। फालतू की अफवाह उड़ाई जा रही है। उन्होंने तेजस्वी को लेकर कहा कि, उन्हें ढेर सारी शुभकामनाएं, वो मुख्यमंत्री बने।
तेजस्वी की शुभकामना का दिया जवाब: दरअसल 11 अक्टूबर को जेपी जयंती के मौके पर तेज प्रताप यादव ने पद यात्रा निकाली थी। इसको लेकर तेजस्वी यादव ने कहा था कि, ‘सभी को शुभकामना है, अच्छी बात है, सभी लोग मनाते हैं।’ इसी को लेकर जब तेज प्रताप से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि, “उनको भी आशीर्वाद है, मुख्यमंत्री बने, काम करें।”
स्टार प्रचारकों की सूची से बाहर किए गए: बता दें कि तेज प्रताप की कार्यशैली के चलते राजद में उनकी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। राजद ने बिहार की तारापुर और कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की, जिसमें तेज प्रताप का नाम शामिल नहीं है। गौरतलब है कि इस सूची में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव समेत 20 नेताओं के नाम हैं।
ऐसे में खबरें आईं कि, स्टार प्रचारकों की सूची से बाहर किए जाने पर तेज प्रताप अब कांग्रेस उम्मीदवार के लिए प्रचार कर सकते हैं। वहीं बीते गुरुवार(7 अक्टूबर) को कांग्रेस के कुशेश्वरस्थान से प्रत्याशी अतिरेक कुमार के पिता अशोक राम ने राजद नेता तेज प्रताप यादव से मुलाक़ात की थी। इस मुलाकात के बाद अशोक राम ने दावा किया कि तेज प्रताप कांग्रेस के पक्ष में प्रचार करेंगे।
