Chief Minister Siddaramaiah: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार की इच्छा राज्य का मुख्यमंत्री बनने की है लेकिन अब कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व उन्हें प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा सकता है। द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, कांग्रेस हाईकमान ने राज्य के पार्टी संगठन में बदलाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बताना होगा कि डीके शिवकुमार करीब 5 साल से प्रदेश अध्यक्ष के पद पर हैं।

हाल ही में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया दिल्ली के दौरे पर गए और इस दौरान उनके साथ मौजूद एक सूत्र ने बताया कि हाईकमान के साथ कांग्रेस के संगठन के मामलों को लेकर चर्चा हुई।

सूत्र ने कहा, ‘हाईकमान ने इस मुद्दे पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है और वह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को बदलने के विकल्प पर विचार कर रहा है।’

जरकिहोली और खंडरे प्रमुख दावेदार

सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार में मंत्री सतीश जरकिहोली और ईश्वर खंडरे को प्रदेश अध्यक्ष पद का प्रमुख दावेदार माना जा रहा है। सूत्र ने बताया कि अगर यह नेता मंत्री पद छोड़ने को राजी हों तो उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी की जा सकती है।

शिवकुमार को हटाने की थी अटकलें

मई 2023 में जब कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनी थी, तभी से डीके शिवकुमार को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाने की अटकलें लग रही थीं लेकिन वह न सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष बने रहे बल्कि सिद्धारमैया सरकार में दो अहम विभाग- बेंगलुरु विकास और जल संसाधन, भी संभाल रहे हैं।

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पाटिल के पत्र पर नाराजगी

यह भी जानकारी मिली है कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व राज्य कैबिनेट के मंत्री एच.के. पाटिल के पत्र को लेकर नाराज है। पाटिल ने लिखा था कि नेताओं और अधिकारियों ने मिलकर राज्य के खजाने को लूटा और इससे लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ लेकिन सरकार ने इसके दोषियों को सजा दिलाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की।

सूत्र के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया इस बात से नाराज हैं कि पाटिल ने यह मुद्दा सार्वजनिक रूप से उठाया जबकि वे इसे कैबिनेट की बैठक में उठा सकते थे।

संभावना जताई जा रही है कि पाटिल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है क्योंकि पार्टी हाईकमान को लगता है कि उनके द्वारा पत्र जारी करने से राज्य में पार्टी की छवि को नुकसान हुआ है।

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