Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म-हत्या मामले में अब 29 जनवरी को सुनवाई करेगा। आज यह आवेदन CJI की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने लगा था। CJI ने सभी पक्षों के वकीलों की मौजूदगी में सुनवाई की बात कहते हुए अगले बुधवार की तारीख दे दी है।
हालांकि, इस बीच मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार ने कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए कोलकाता की विशेष अदालत द्वारा इस मामले में दोषी करार दिए गए संजय राय के आजीवन कारावास के फैसले को चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने दोषी को मृत्यु दंड दिए जाने की अपील पर सुनवाई के लिए स्वीकृति दे दी है।
इससे पहले नवंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि अदालत इस मामले की सुनवाई को बंगाल के बाहर स्थानांतरित करने के लिए कोई निर्देश नहीं जारी करेगी। तत्कालीन चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इस संबंध में एक वकील द्वारा की गई अपील को खारिज कर दिया था।
कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर से दुष्कर्म एवं हत्या के मामले में न्यायाधीश दास ने सोमवार को दोषी सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को आजीवन कारावास (मृत्यु होने तक) की सजा सुनाई है।
न्यायाधीश दास ने दोषी को मृत्युदंड न देने के पीछे एक कारण के रूप में 1980 के बच्चन सिंह बनाम पंजाब सरकार मामले में सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि इस मामले में मौत की सजा के क्रियान्वयन के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के कुछ दिशानिर्देश हैं। मृत्युदंड के निष्पादन के लिए उस निर्देश में निर्धारित सख्त मानदंडों के साथ आरजी कर की घटना की तुलना नहीं की जा सकती। इसलिए इस अपराध को दुर्लभतम घटना नहीं कहा जा सकता।
मालूम हो कि पिछले साल नौ अगस्त को अस्पताल के सेमिनार हाल से महिला डॉक्टर का शव बरामद हुआ था। घटना वाली रात मेरी बेटी के साथ चार और लोग थे दरिंदगी की शिकार महिला चिकित्सक के माता-पिता ने रविवार को दावा किया है कि घटना वाली रात उनकी बेटी के साथ उसके चार सहकर्मी भी मौजूद थे। उनका कहना है कि अपराध में कुल 50 लोग शामिल हैं। उन्होंने सीबीआइ को यह सभी बातें बताई हैं। पीड़िता के माता-पिता का यह भी कहना है कि इस मामले में सीबीआइ और पुलिस ने उचित तरह से जांच नहीं की।
मामले में दोषी संजय राय की मां ने रविवार को कहा कि अगर उनका बेटा दोषी है तो उसे उसके किए की सजा मिलनी चाहिए, फिर भले ही वह सजा फांसी ही क्यों न हो। राय की मां मालती राय ने कहा कि वह अकेले में रोएंगी लेकिन उसकी सजा को नियति मानकर स्वीकार करेंगी।
क्या है आरजी कर रेप-हत्या मामला?
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या का मामला पिछले साल सुर्खियों में था। इस घटना को लेकर कोलकाता समेत देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए थे। इस घटना को करीब 5 महीने बीत चुके। शनिवार (18 जनवरी, 2025) को कोलकाता की सियालदह कोर्ट ने आरोपी संजय रॉय को दोषी करार दिया था। जबकि कोर्ट ने सोमवार (20 जनवरी, 2025) को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। मामले की जांच अब सीबीआई ने की। हालांकि अभी तक सीबीआई मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसिपल संदीप घोष और स्थानीय थाना प्रभारी अभिजीत मंडल के खिलाफ चार्जशीट पेश नहीं कर पाई, जिसकी वजह से उन्हें जमानत मिल गई।
जानें कब क्या हुआ
9 अगस्त 2024 को 31 साल की एक महिला डॉक्टर का अस्पताल के कॉन्फ्रेंस रूम में शव मिला था। इसके बाद जांच की गई तो पता चला पहले रेप किया गया और फिर उनकी हत्या कर दी गई थी। यह घटना सुर्खियों में आ गई और कोलकाता में डॉक्टरों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इस मामले में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष पर सबूत मिटाने का आरोप लगा और स्थानीय टाला थाना प्रभारी अभिजीत मंडल के खिलाफ भी आरोप लगा। इस मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय को पुलिस ने 10 अगस्त को ही गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद 12 अगस्त को मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष ने इस्तीफा दे दिया।
सीबीआई को सौंप दिया गया मामला
मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन बढ़ रहा था और उसके बाद कोलकाता हाई कोर्ट ने यह केस सीबीआई को सौंप दिया। 16 अगस्त को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सड़क पर उतरी और मार्च निकाला। इस दौरान उन्होंने भाजपा समेत विपक्षी दलों पर राजनीति करने का आरोप लगाया।
20 अगस्त को मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हुई और इसे स्वत: संज्ञान लिया था। 21 अगस्त को मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा सीआईएसएफ के हवाले कर दी गई और 22 अगस्त को ही डॉक्टरों ने 11 दिनों के हड़ताल को खत्म कर दिया। हालांकि विरोध प्रदर्शन नहीं रुका और वह जारी रहा।
2 सितंबर इस मामले में अहम तारीख थी और इसी दिन सीबीआई ने संदीप घोष को गिरफ्तार कर लिया था। इसके अलावा अभिजीत मंडल को भी सबूत मिटाने के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
अपराजिता महिला और बाल विधेयक 2024 हुआ पारित
3 सितंबर को बंगाल में विधानसभा के अंदर अपराजिता महिला और बाल विधेयक 2024 पारित किया गया। इसमें महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों को लेकर सख्त प्रावधान किया गया। आरजी कर मामले में ममता बनर्जी को अपने नेताओं के भी विरोध का सामना करना पड़ा। टीएमसी के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने आंदोलन को देखते हुए अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी।
14 सितंबर को आखिरकार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हड़ताल कर रहे डॉक्टर से मुलाकात की और उनकी मांग पर गौर करने की बात कही। 17 सितंबर को ही कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल का ट्रांसफर कर दिया गया। 7 अक्टूबर 2024 को सीबीआई ने मुख्य आरोपी संजय रॉय के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। लेकिन हैरानी भरी बात यह रही कि 13 दिसंबर 2024 को तत्कालीन प्रिंसिपल संदीप घोष और अभिजीत मंडल को मामले में जमानत मिल गई।
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