Sandip Ghosh Arrest: लगातार पंद्रह दिनों तक पूछताछ के बाद आखिरकार आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष को सीबीआई ने मेडिकल क्षेत्र में वित्तीय कदाचार के आरोप में गिरफ्तार किया। घोष से एजेंसी के साल्ट लेक ऑफिस में 9 अगस्त को आरजी कर अस्पताल की पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनी के कथित रेप और हत्या के मामले में 15वें दिन पूछताछ की गई। बाद में उन्हें कोलकाता में सीबीआई के निजाम पैलेस ऑफिस ले जाया गया। यहां पर एजेंसी की एंटी करप्शन विंग ने उन्हें अरेस्ट कर लिया।

सीबीआई ने संदीप घोष का नाम एफआईआर में दर्ज किया था। एजेंसी ने उनके कार्यकाल के दौरान संस्थान में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में यह एफआईआर दर्ज की थी। एजेंसी ने आईपीसी की धारा 120बी के साथ धारा 420 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 के तहत केस दर्ज किया था।

कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने अपने हाथ में ली जांच

सीबीआई ने कलककत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद राज्य की एसआईटी से जांच अपने हाथ में लेने के बाद यह एफआईआर दर्ज की। एसआईटी का गठन पश्चिम बंगाल सरकार ने 9 अगस्त को एक लेडी डॉक्टर की रेप और हत्या के बाद में किया गया था। यह आदेश अस्पताल के पूर्व डिप्टी सुपरिटेंडेंट अख्तर अली की याचिका पर दिया गया था।

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उन्होंने संस्थान में कथित तौर पर वित्तीय गड़बड़ियों को लेकर ईडी से जांच कराने का आग्रह किया था। अली ने यह भी आरोप लगाया था कि एक साल पहले राज्य सतर्कता आयोग और एंटी करप्शन ब्यूरो के सामने घोष के खिलाफ दर्ज कराई गई उनकी शिकायतों का कोई खास नतीजा नहीं निकला और इसके बजाय उन्हें संस्थान से ट्रांसफर कर दिया गया।

आईएमए ने घोष की सदस्यता निलंबित की

इससे पहले इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने संदीप घोष की सदस्यता निलंबित कर दी थी। वे आईएमए की कलकत्ता ब्रांच के वाइस प्रिंसिपल थे। यह फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ आरवी अशोकन की कमेटी के द्वारा सभी की सहमति के बाद लिया था। आरजी कर मेडिकल कॉलेज 9 अगस्त को एक सेमिनार हॉल में एक पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर के रेप और हत्या के बाद मीडिया की सुर्खियों में आया था। इसके लिए एक आरोपी संजय रॉय को अरेस्ट किया गया था। सीबीआई ने घोष और अन्य लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट भी किया है।