रेट्रो कर (Retrospective Tax) पर नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) एकमत नहीं नजर आते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि शुक्रवार (छह जुलाई, 2021) को आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच (Swadeshi Jagran Manch) के एक पदाधिकारी और बीजेपी नेता के बीच तनातनी देखने को मिली।

मंच के अश्विनी महाजन केंद्र के निर्णय को चोरों के लिए राहत करार दिया, जिस पर भाजपा नेता विजय चौथाईवाले ने भी करारा जवाब दिया। हुआ यूं कि महाजन ने एक ट्वीट में मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा कि सरकार को अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता के दबाव में यह टैक्स खत्म करना पड़ा। आगे उन्होंने यह तक कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स को खबर का शीर्षक “चोरों को राहत” रखना चाहिए था। यह कहते हुए उन्होंने दावा किया कि यह एफडीआई के नुकसान का एक उदाहरण था।

भाजपा के विदेश मामलों के प्रभारी चौथाईवाले ने इस पर पूछा कि क्या महाजन एफडीआई पर पूरी तरह से प्रतिबंध चाहते हैं।

महाजन ने बाद में कहने कि सरकारी नीति के नफा-नुकसान को लेकर चर्चा करना अपराध नहीं है।

चौथाईवाला इस पर बोले- जो कुछ भी आपराधिक नहीं है वह व्यापक राष्ट्रीय हित में नहीं हो सकता है, एक ऐसा बिंदु जिसे आप बार-बार स्वीकार करने में विफल रहते हैं।

बता दें कि केंद्र ने रेट्रो कर यानी कि पिछली तिथि से लागू कर कानून को लेकर कंपनियों में भय को खत्म करने के लिए गुरुवार (पांच अगस्त, 2021) को लोकसभा में एक विधेयक पेश किया, जिसके तहत केयर्न एनर्जी और वोडाफोन जैसी कंपनियों से पूर्व की तिथि से कर की मांग को वापस लिया जाएगा। सरकार ने यह भी कहा कि वह इस तरह के कर के जरिए वसूले गए धन को वापस कर देगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच ‘कराधान विधि (संशोधन) विधेयक, 2021’ पेश किया। इसके तहत भारतीय परिसंपत्तियों के अप्रत्यक्ष हस्तांतरण पर कर लगाने के लिए पिछली तिथि से लागू कर कानून, 2012 का इस्तेमाल करके की गई मांगों को वापस लिया जाएगा। विधेयक में कहा गया है, ‘‘इन मामलों में भुगतान की गई राशि को बिना किसी ब्याज के वापस करने का भी प्रस्ताव है।’’ इस विधेयक का सीधा असर ब्रिटेन की कंपनियों केयर्न एनर्जी और वोडाफोन समूह के साथ लंबे समय से चल रहे कर विवादों पर होगा। (पीटीआई-भाषा इनपुट्स के साथ)