पिछले साल सुप्रीम कोर्ट से रिटायर होने वाले जस्टिस अरुण मिश्रा को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उन्होंने अपना पदभार संभाल लिया है। पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय कमिटी ने उन्हें इस जिम्मेदारी के लिए चुना। इस नियुक्ति को लेकर चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि अरुण मिश्रा को पीएम मोदी का करीबी माना जाता है। सुप्रीम कोर्ट में जज रहते हुए भी उन्होंने मोदी की जमकर तारीफ़ की थी।
उन्होंने कहा था, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं, जीनियस हैं।’ दरअसल पीएम मोदी इंटरनेशनल जूडिशल कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए थे। इसी दौरान सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जजों में शामिल जस्टिस मिश्रा ने कहा कि मोदी बहुमुखी प्रतिभा हैं और वह विश्व स्तर पर सोचते हैं, स्थानीय स्तर पर कार्य करते हैं। सुप्रीम कोर्ट में जज रहते हुए इस तरह प्रधानमंत्री की खुली तारीफ करने के बाद विवाद हुआ था।
बता दें कि NHRC के चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कमिटी की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। इस कमिटी में लोकसभा के स्पीकर, केंद्रीय गृह मंत्री, लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के नेता और राज्यसभा के डेप्युटी चेयरमैन शामिल होते हैं। अब तक CJI ही चेयरपर्सन होते आए हैं। हालांकि प्रभारी चेयरपर्सन इसके अलावा भी रहे हैं।
कानून में संशोधन करके अध्यक्ष का कार्यकाल पांच साल से घटाकर तीन साल कर दिया गया है। इस संशोधन के बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज को कमिशन का चेयरपर्सन बनाया गया है। इससे पहले पूर्व CJI जस्टिस एचएल दत्तू मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष रह चुके हैं।
इस नियुक्ति के बाद विपक्ष ने मोदी सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया है। सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा गरम है। टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा ने एक ट्वीट में कहा, रिटायर्ड सुप्रीम कोर्ट जज अरुण मिश्रा को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष बनाया गया। सभी अच्छी चीजें उन्हें ही मिलती हैं जो इंतजार करते हैं। खासकर उन लोगों के लिए जो पद पर रहते हुए पीएम मोदी की प्रशंसा कर रहे थे और विश्व स्तर पर सोचने वाला, स्थानीय स्तर पर कार्य करने वाला बता रहे थे।