रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सभी बैंकों को नोट बदलने आ रहे लोगों से उनके पहचान पत्र या किसी भी कागजात की फोटोकॉपी ना करवाकर रखने का निर्देश जारी किया। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कहा कि लोग अगर मौके पर असली पहचान पत्र, आधारकार्ड या कोई भी प्रूफ दिखा देते हैं तो वह काफी है उसकी फोटोकॉपी बैंक को रखने की जरूरत नहीं है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने यह पाया था कि फोटोकॉपी एकत्र करने के चक्कर में बैंकों के बाहर ज्यादा लंबी लाइन लगती जा रही है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने भी कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के उन्हें ऐसा निर्देश मिला है। हालांकि, अब भी कई बैंक फोटोकॉपी मांग रहे हैं। यहां तक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की कुछ ब्रांच भी लोगों से आईडी प्रूफ की मांग कर रही हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, लक्ष्मी विलास बैंक के सीओओ ने बताया कि जिन लोगों का उनके बैंक में खाता है वह उनसे प्रूफ की फोटोकॉपी नहीं मांगते लेकिन जिन लोगों को उनके बैंक में खाते नहीं हैं उनसे प्रूफ की फोटकॉपी मांगी जाती है।
लोगों को राहत देने के लिए 14 नवंबर को सरकार द्वारा फैसला लिया गया था कि 500 और 1000 के जो पुराने नोट पहले 14 नवंबर की रात तक मान्य थे वह अब 24 नवंबर की रात तक मान्य होंगे। पुराने नोट सरकारी हॉस्पिटल, पेट्रोल पंप पर मान्य होंगे। इसके अलावा बैंक और एटीएम से बदले और निकाले जाने वाले पैसे की लिमिट भी अब बढ़ा दी गई है। वित्त मंत्रालय ने रविवार रात को को बताया था, ‘सभी बैंकों को सलाह दी गई है कि एटीएम से एक दिन में 2000 रुपए निकालने की सीमा को 2500 रुपए, सप्ताह में अकाउंट से 20 हजार रुपए निकालने की सीमा को 24 हजार रुपए और नोट बदलने की सीमा को 4000 रुपए से 4500 रुपए किया जाए। इसके साथ ही कहा गया है कि एक दिन में चेक से केवल 10 हजार रुपए निकालने की सीमा को खत्म किया जाए।’
गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, सरकार द्वारा कई तरह के भरोसे देने के बावजूद बैंकों और एटीएम के बाहर भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने का ऐलान आठ नवंबर को किया था।