Indian Constitution: संविधान देश का वो पवित्र ग्रंथ है, जो भारत के किसी भी हिस्से में रहने वाले हर नागरिक को बराबरी और सामनता का अधिकार देता है। यही वजह है कि जब भी कोई बड़ा मामला होता या नेताओं के बीच कोई बहस होती तो सभी लोग संविधान की दुहाई देते हैं। आइए ऐसे में जानते हैं कि आखिर यह संविधान क्या है? इसको बनने में कितना वक्त लगा?

संविधान का निर्माण कब हुआ, कितना वक्त लगा?

संविधान का निर्माण 26 नवम्बर 1949 को हुआ था। इसको एक संविधान सभा द्वारा बनाया गया। संविधान को बनाने में 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का वक्त लगा। संविधान सभा के निर्माण का प्रस्ताव सबसे पहले साल 1934 में एम.एन. रॉय ने रखा था, जबकि संविधान सभा के गठन के लिए चुनाव साल 1946 में कैबिनेट मिशन योजना के तहत हुआ।

संविधान सभा के कुल सदस्यों की संख्या कितनी थी?

संविधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या 389 निश्चित की गई थी। इसमें 292 प्रतिनिधि ब्रिटिश प्रान्तों के थे, 4 चीफ कमिश्नर और 93 प्रतिनिधि देशी रियासतों के थे। कुल 389 सदस्यों में से प्रांतों के लिए निर्धारित 296 सदस्यों के लिय चुनाव हुए, जिसमें कांग्रेस को 208 वोट, मुस्लिम लीग को 73 वोट, 15 वोट अन्य दलों को और स्वतंत्र उम्‍मीदवार प्राप्त हुए थे।

संविधान सभा की पहली बैठक कब हुई?

संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को दिल्ली स्थित काउंसिल चैम्बर के पुस्तकालय भवन में हुई। जिसकी अध्यक्षता सभा के सबसे सीनियर सदस्य सच्चीदानंद सिन्हा ने की थी। वो सभा के अस्थाई अध्यक्ष चुने गए थे, जबकि संविधान सभा के स्थायी अध्यक्ष डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद थे।

संविधान सभा की बैठक में क्या हुआ?

सभा में प्रांतों या देसी रियासतों को उनकी आबादी के अनुपात में सीटों का प्रतिनिधित्व दिया गया था। 10 लाख की जनसंख्या पर साधारणत: एक स्थान का आवंटन किया गया था। हैदराबाद रियासत के प्रतिनिधियों ने संविधान सभा में भाग नहीं लिया था।

संविधान सभा में 12 महिला, 33 अनुसूचित जाति, 213 सामान्य, 4 सिख और 79 मुस्लिम सदस्य थे। सभा की कार्यवाही 13 दिसंबर 1949 को पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा प्रस्तुत उद्देश्य प्रस्ताव के साथ हुई थी।

देश के संविधान का निर्माण संविधान सभा द्वारा किया गया था। इस सभा में 13 समितियां थीं, जो संविधान के अन्य कार्यों की देखरेख और उनकी कमियों को दूर करने के लिए गठित की गई थी। इन समितियों में 8 समितियां मुख्य थीं।

मुख्य 8 समितियां और उनके अध्यक्ष?

संविधान के निर्माण में मसौदा समिति के अध्यक्ष भीमराव अंबेडकर थे। संघ शक्ति समिति और केंद्रीय संविधान समिति के अध्यक्ष पंडित जवाहर नेहरू थे। प्रांतीय संविधान समिति और मौलिक अधिकारों, अल्पसंख्यकों और जनजातीय तथा बहिष्कृत क्षेत्रों पर सलाहकार समिति के अध्यक्ष सरदार वल्लभ भाई पटेल थे। प्रक्रिया समिति के नियम और संचालन समिति के अध्यक्ष थे डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद। जबकि, राज्य समिति (राज्यों के साथ बातचीत के लिये समिति) के अध्यक्ष भी पंडित जवाहर लाल नेहरू थे।

बी.एन. राव थे संविधान सभा के संवैधानिक सलाहकार

संविधान सभा के संवैधानिक सलाहकार बी. एन राव थे। जिन्होंने विश्व के कई संविधान की स्टडी की। साथ ही अमेरिका, यूके, आयरलैंड, कनाडा, जाकर कानून के एक्सपर्ट और विद्धानों से इसको लेकर विस्तृत चर्चा की।

इसके बाद अक्टूबर 1947 में राव ने संविधान का पहला ड्राफ्ट तैयार किया और इस ड्राफ्ट को भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता वाली 7 सदस्यीय ड्राफ्टिंग कमेटी को सौंपा।

ड्राफ्ट पर विचार करने के बाद कमेटी ने एक नया ड्राफ्ट तैयार किया और उसे पर संविधान सभा के सुझाव मांगे। दिए गए सुझावों के आधार पर ड्राफ्ट में कई बदलाव किए गए और बदले हुए ड्राफ्ट के सभी प्रावधानों पर एक साल तक चर्चा हुई। जिसके बाद संविधान को 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा द्वारा अंगीकृत किया गया था।

मूल संविधान में कितने भाग, अनुच्छेद और अनूसुचियां थीं?

देश में 26 जनवरी 1950 को संविधान पूरी तरह से लागू हो गया। मूल संविधान में कुल 22 भाग, 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थीं। जबकि वर्तमान में इसमें 470 अनुच्छेद, 25 भाग, और 12 अनुसूचियां हैं।