उत्तर प्रदेश के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को पंजाब से बांदा जेल लाया गया है। यहां उनपर कड़ी निगरानी राखी जा रही है। मुख्तार की सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और पूरे जेल की निगरानी ड्रोन कैमरे से की जा रही है। इसको लेकर न्यूज़ चैनल ‘रिपब्लिक भारत’ के शो ‘पूछता है भारत’ में डिबेट देखने को मिली। इस दौरान दो पैनलिस्ट एक दूसरे से भीड़ गए और चीखने लगे।
गैंगस्टर विकास दुबे के जीवन पर लिखी किताब के राइटर अनुभव चाक शो के दौरान राजनीतिक विश्लेषक सतीश प्रकाश पर नाराज़ हो गए। अनुभव चाक ने कहा “अपराधी का कोई धर्म, जाति नहीं होती है। सपा- बसपा और कांग्रेस जाती धर्म की राजनीति करते हैं। विकास दुबे मुसलमान था क्या?? लेकिन आपको हर जगह जाति -धर्म दिखता है। एक अपराधी ने पूरे यूपी की कानून व्यवस्था को खराब कर रखा था वहां पर भी तुम्हें धर्म, जाति दिखाई देती है। शर्म आनी चाहिए तुम्हें।”
अनुभव चाक ने कहा “सपा- बसपा को अपराधियों में जाती व्यवस्था नजर आती है। तुम लोगों ने मुख्तार के भाई को लोकसभा का टिकट देकर चुनाव जिताने का काम किया है। आज जब उसके खिलाफ यूपी सरकार कार्यवाही करती है तो तुम लोगों ने उसे पाला है इसलिए तुम्हारे जैसे लोगों को पेट में दर्द हो जाता है। तुम धर्म, जाति देखने लग जाते हो। इसी मुख्तार अंसारी ने बिना धर्म, जाति देखे कितने लोगों की हत्या की है।”
वहीं शो के एंकर अर्नब ने कहा “रोपड़ की जेल में 26 महीने तक ऐशो-आराम से जीने वाला मुख्तार की नींद उड़ी हुई है। बांदा जेल में मुख्तार की हवाइयां उड़ी हुई है। जेल की बैरक नंबर 16 में वो किसी भी दूसरे आम कैदी की तरह बंद है। सारे वीआईपी ट्रीटमेंट बंद हो चुके हैं। रोपड़ की जेल में ठाठ बाट से रहने वाला मुख्तार डॉन से एक छोटा सा कैदी बन कर रह गया है। उसकी हर हरकत पर सीसीटीवी से खास नजर रखी जा रही है। बांदा जेल के ऊपर ड्रोन से नजर रखी जा रही है। इसका सारा कंट्रोल सीधे लखनऊ में बैठे अधिकारियों के पास है।”
अर्नब ने कहा “जो मुख्तार की सुरक्षा पर सवाल उठा रहे थे। उन्होंने वह तस्वीरें जरूर देखनी चाहिए जिसमें यूपी आते ही मुख्तार व्हीलचेयर से उतकर अपने पैरों पर खड़ा हो गया।” बता दें मुख्तार अंसारी की बांदा जेल में सख्त निगरानी की जा रही है। बांदा जेल में चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। मुख्तार जिस बैरक नंबर 16 में रह रहा है। वहां भी सीसीटीवी कैमरा लगा है। जिसकी लाइव फीड लखनऊ में जेल हेडक्वार्टर में बैठे आला अधिकारियों को मिल रही है।