India China Border Dispute: एलएसी (LAC) पर भारत और चीन (India-China) के बीच तनाव की स्थिति में कुछ ऐसे प्वाइंट्स हैं, जहां दोनों देशों की सेना गश्त नहीं कर रही हैं। बता दें कि यह स्थिति गलवान संघर्ष (Galwan Clash) के बाद बनी हुई है। दरअसल सरकारी सूत्रों के हवाले से अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ ने लिखा कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर 65 में से कम से कम 30 ऐसे गश्त प्वाइंट्स हैं, जहां गलवान संघर्ष के बाद भारतीय सैनिकों द्वारा गश्त नहीं की जा रही है।
India-China in Ladakh- दोनों पक्ष नहीं कर रहे गश्त:
हालांकि रक्षा सूत्रों ने इस डेटा को खारिज करते हुए इसे गलत करार दिया है। मालूम हो कि भारतीय सेना (India Army) और चीनी सेना (PLA) के बीच गलवान संघर्ष साल 2020 में हुआ था। वहीं रक्षा मंत्रालय से जुड़े एक सूत्र का कहना है कि दोनों देशों की सेना के पीछे हटने के बाद कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां कोई भी पक्ष गश्त नहीं कर रहा है।
बता दें कि इन प्वाइंट्स पर अप्रैल-मई 2020 से पहले नियमित रूप से गश्त हो रही थी। हालांकि बाद में चीन ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी के करीब अपने सैनिकों को जमा करना शुरू कर दिया था। रक्षा सूत्रों का कहना है, “मौजूदा समय में गश्त के पहलुओं के अलावा कई अन्य मुद्दों पर दोनों पक्षों में बातचीत कर रहे हैं।”
दरअसल 15 जून, 2020 को गलवान संघर्ष में 20 भारतीय सैनिकों की जान गई थी। इस तनाव के बाद LAC पर हालात सामान्य करने के लिए कई दौर की सैन्य स्तर की वार्ता हुई। इसमें “नो-पेट्रोलिंग ज़ोन” या “बफर” बनाया गया।
20 दिसंबर को हुई भारत-चीन के बीच सैन्य स्तर वार्ता:
बता दें कि 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत चीन सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। इसके बाद 20 दिसंबर को भारत-चीन कॉर्प्स कमांडर स्तर की 17वें दौर की बैठक हुई। यह बैठक चुशुल-मोल्दो बॉर्डर मीटिंग पॉइंट पर हुई। इस मीटिंग में दोनों पक्ष के बीच पश्चिमी क्षेत्र में जमीनी स्तर पर सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने पर सहमत जताई गई। इसके अलावा दोनों पक्षों इस बात पर भी सहमति जताई कि दोनों सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से तनावयुक्त मुद्दे का हल करेंगे।