RSS Constitution: आरएसएस महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने एक बड़ा बयान दिया है। उनकी तरफ से संविधान की प्रस्तावना से समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष जैसे शब्दों को हटाने की बात कर दी गई है। यह कोई पहली बार नहीं है जब संघ की तरफ से ऐसी मांग की गई हो। कई दूसरे नेताओं ने भी समय-समय पर ऐसे बयान दिए हैं।

संघ ने ऐसी क्या मांग कर दी?

असल में दत्तात्रेय होसबोले दिल्ली के एक कार्यक्रम में पहुंचे थे। वहां पर अपने संबोधन में उन्होंने लोगों से इस बात पर विचार करने की अपील की कि क्या इमरजेंसी के दौरान कांग्रेस सरकार ने संविधान की प्रस्तावना में जो समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष जैसे शब्दों को जोड़ा था, क्या आज के समय में उसे बरकरार रखना सही है क्या?

आपातकाल को लेकर कांग्रेस पर निशाना

उनकी तरफ से मांग की गई कि कांग्रेस ने देश में आपातकाल लगवाया था, ऐसे में उन्हें माफी मांगनी चाहिए। वैसे केंद्र की मोदी सरकार ने भी आपातकाल को लेकर कांग्रेस को घेरा है। वो तो इस दिन को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मना रही है। बुधवार को मोदी सरकार की कैबिनेट बैठक के दौरान भी इसी आपातकाल को लेकर 2 मिनट का मौन रखा गया था।

CM रेखा ने दिया हर सवाल का जवाब

पीएम मोदी ने क्या कहा था?

इससे पहले पीएम मोदी ने भी आपातकाल को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया था। उन्होंने लिखा था कि आज भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक, आपातकाल लागू होने के पचास साल पूरे हो गए हैं। भारत के लोग इस दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाते हैं। इस दिन, भारतीय संविधान में निहित मूल्यों को दरकिनार कर दिया गया, मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया, प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म कर दिया गया और कई राजनीतिक नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और आम नागरिकों को जेल में डाल दिया गया। ऐसा लग रहा था जैसे उस समय सत्ताधारी कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र को बंधक बना लिया था।

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