आज पुरानी संसद का आखिरी दिन है। आजादी के बाद से देश की राजनीति में अहम किरदार निभाने वाली यह इमारत अब उन आवाजों से नहीं गूजेंगी जिनके शोर से देश की सियासत का रुख तय होता था। सेंट्रल हॉल में तमाम सांसद जुटे हैं और पक्ष-विपक्ष के नेताओं के भाषणों के बाद राष्ट्रगान के साथ इस कार्यक्रम का समापन होगा और इसके बाद सभी सांसद नए भवन की ओर जाएंगे।
समापन समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल और सदन के नेता विपक्ष के मलिकार्जुन खड़गे ने और मेनका गांधी ने भाषण दिए हैं।
इस अहम अवसर पर इन नेताओं ने क्या कुछ कहा और क्या रही अहम बातें, जानते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के भाषण की अहम बातें
- सेंट्रल हॉल में सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सेंट्रल हॉल भावनाओं से भरा है ,यह हमें भावुक बनाता है और हमें अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए प्रेरित करता है।
- पीएम मोदी ने कहा कि शाह बानो मामले के कारण हम उल्टी राह पर चले गए। लेकिन हमने सुधार किया और तीन तलाक को खत्म कर दिया। यह सब इस सदन में हुआ।
- पीएम मोदी ने कहा कि हम भाग्यशाली थे कि हमें अनुच्छेद 370 को खत्म करने का मौका मिला जो उग्रवाद और आतंकवाद को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था। इसके लिए योगदान देने वाले सभी सांसदों को श्रेय दिया जाना चाहिए।
- पीएम मोदी ने कहा, “मैंने लाल किले से कहा था – यही समय है, सही समय है। अगर हम एक के बाद एक घटनाओं को देखें, तो उनमें से हर एक इस बात की गवाही देती है कि आज भारत एक नई चेतना के साथ जागृत हुआ है। भारत एक नई चेतना से भर गया है। यह चेतना और ऊर्जा करोड़ों लोगों के सपनों को संकल्पों में बदल सकती है और उन संकल्पों को वास्तविकता में बदल सकती है।”
- पीएम मोदी ने कहा कि नए भवन में जाने के बावजूद पुराने भवन को नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने कहा, “मेरा अनुरोध है कि इस इमारत को अब ‘संविधान सदन’ कहा जाए।”
मल्लिकार्जुन खड़गे का भाषण
सेंट्रल हॉल में सभा को संबोधित करते हुए राज्यसभा के नेता ने कहा, “इसी सेंट्रल हॉल में संविधान सभा ने 1946 से 1949 तक दो साल, 11 महीने और 17 दिनों तक अपनी बैठकें आयोजित कीं, आज हम विनम्रतापूर्वक उनके योगदान को याद करते हैं। हम डॉ. राजेंद्र प्रसाद, पं. जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभाई पटेल, डॉ. डाबासाहेब अम्बेडकर को याद करते हैं।”
अधीर रंजन चौधरी के भाषण की अहम बातें
सेंट्रल हॉल में सभा को संबोधित करते हुए लोकसभा नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि उन्हें सदन का सदस्य होने पर गर्व है। उन्होंने कहा, “औपनिवेशिक अतीत से लेकर स्वतंत्र भारत तक, हमने भारत नामक इस महान देश का परिवर्तन देखा है।” अपने संबोधन में चौधरी ने भारतीय संविधान की नींव रखने के लिए पंडित जवाहरलाल नेहरू और डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर को याद किया।
स्पीकर ओम बिरला का भाषण
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि आज हम नई आकांक्षाओं के साथ नए संसद भवन की ओर बढ़ रहे हैं, आज लोगों को हमसे बहुत उम्मीदें हैं और उन उम्मीदों और आकांक्षाओं पर खरा उतरने की हमारी जिम्मेदारी बढ़ जाती है।