रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी दुनिया के अमीर शख्सियतों में से एक हैं। 2018 में उन्हें एशिया का सबसे अमीर आदमी घोषित किया गया। इतने बड़े एंपायर के मालिक मुकेश अंबानी के सामने इसे आगे और बढ़ाने और अपने बच्चों के हाथों हस्तानांतरित करने की बड़ी चुनौती भी है। ऐसे में इतिहास से सीख लेते हुए अंबानी अभी से अपने बच्चों को कारोबारी गुर सीखा रहे हैं। गौरतलब है कि जब उनके पिता धीरूभाई अंबानी का देहांत हुआ था तब मुकेश अंबानी और उनके छोटे भाई अनिल अंबानी के बीच संपत्ति बंटवारे को लेकर काफी विवाद था। लेकिन, अब उनकी अगली पीढ़ी कई मुकम्मल संसाधनों और मार्गदर्शन के साथ आगे की तरफ बढ़ रही है।
पिछले एक साल में मुंबई के धनवान लोगों के बीच मुकेश अंबानी परिवार में दो शादियां हुईं। दिसंबर में उनकी 27 वर्षीय बेटी ईशा की शादी किसी बॉलीवुड फिल्म की शानदार शैली में हुई। इसमें दुनिया के कला, राजनीति और बिजनस जगत के ताकतवर लोगों ने हिस्सा लिया। मशहूर गायिका बियोंसे ने गीत काया तो हिलरी क्लिंटन खास तौर पर अमेरिका से शादी में शिरकत करने पहुंची। जबकि, आकाश अंबानी की शादी में गूगल से चीफ एग्जिक्यूटिव अधिकारी सुंदर पिचाईऊ ने शिरकत की। इन भव्य आयोजनों ने अंबानी के बच्चों को दुनिया की सुर्खियों में ला दिया। खास तौर पर ये तब हुआ जब वे रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के खुदरा और दूरसंचार व्यवसायों में अहम और खास भूमिका निभा रहे थे।
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62 वर्षीय मुकेश अंबानी की ई-कॉमर्स जैसे नए क्षेत्रों के प्रति काफी महत्वाकांक्षी हैं और वह अपने बच्चों को अपने बिजनस एंपायर के आधुनिकीकरण में मदद के लिए शामिल कर रहे हैं। दरअसल, 12 अगस्त को अंबानी ने घोषणा की कि दुनिया के सबसे बड़े कच्चे तेल उत्पादक ‘सऊदी अरामको’ (Saudi Aramco) रिलायंस इंडस्ट्रीज के तेल और केमिकल कारोबार में 20% हिस्सेदारी खरीदेंगे। आने वाले दशकों में पूरे एशिया में फैले अरबों डॉलर के पारिवारिक व्यापार को अगली पीढ़ी के हाथों सौंप दी जाएगी।
लेकिन अंबानी के जुड़वा बच्चे अपने व्यापारिक करियर की शुरुआत पैतृक तौर-तरीकों से बिल्कुल हटकर कर रहे हैं। गौरतलब है कि दिवंगत धीरूभाई अंबानी ने यमन में एक गैस-स्टेशन पर अटेंडेंट के रूप में करियर की शुरुआत की थी और बड़ा पेट्रोकेमिकल का साम्राज्य बनाया। यह काम उन्होंने उस वक्त में किया जब भारत की अर्थव्यवस्था सरकार द्वारा पूरी तरह नियंत्रित थी। ‘लाइव मिंट’ में छपे एक लेख में हैदराबाद स्थित इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के प्रोफेसर कविल रामचंद्रन कहते हैं, “उन्हें (ईशा और आकाश अंबानी) अपने पिता (मुकेश अंबानी और दादा (धीरूभाई अंबानी) की तरह उद्यमिता और रणनीति में अपना दम दिखाना होगा।”
2014 में रिलायंस जीओ इन्फोकॉम लिमिटेडट और रिलायंस रिटेल वेंचर लिमिटेड के बोर्ड में ईशा और आकाश को नियुक्त किया गया। यहां काम करते हुए इन दोनों ने अपने प्रोफाइल में काफी इजाफा किया। इस दौरान इन्होंने नए उत्पादों को पेश करते हुए निवेशकों को वार्षिक शेयर धारकों की बैठकों में संबोधित किया। 12 अगस्त को रिलायंस इंडस्ट्रीज की वार्षिक बैठक में इन्होंने कई प्रयोग जैसे वर्चुअल रियलिटी और कॉन्फ्रेंस कॉल का प्रदर्शन किया। खास बात यह है कि अंबानी परिवार की युवा पीढ़ी ऐसे वक्त में कारोबार के साथ जुड़ रही है जब रिलायंस कंजूमर ऑफरिंग की ओर बढ़ रही है। Amazon.com इंक और वॉलमार्ट इंक जैसे वैश्विक खुदरा विक्रेता भारत में भी विस्तार कर रहे हैं। ऐसे में इनका सामना आने वाले सालों में अंबानी परिवार से होना तय है।