राफेल डील का मुद्दा इन दिनों देश की राजनीति में छाया हुआ है और कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार पर हमलावर है। लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल की तरफ से इस मामले में शायद ही कोई बयान आया हो। माना जा रहा है कि इसके पीछे कपिल सिब्बल के पेशेवर हित हैं, क्योंकि कपिल सिब्बल रिलायंस-एरिक्सन मामले में रिलायंस कम्यूनिकेशंस के वकील हैं। सुप्रीम कोर्ट में आज रिलायंस-एरिक्सन मामले पर सुनवाई हुई। दरअसल एरिक्सन ने कोर्ट में रिलायंस कम्यूनिकेशंस के खिलाफ बकाए के भुगतान और कोर्ट की अवमानना संबंधी याचिका दाखिल की है। एरिक्सन ने अपनी याचिका में मांग की है। एरिक्सन ने अपनी याचिका में मांग की है कि कोर्ट रिलायंस कम्यूनिकेशंस को निर्देश दे कि वह उसके 550 करोड़ रुपए के ब्याज सहित बकाए का भुगतान करे।

रिलायंस कम्यूनिकेशंस की तरफ से अदालत में पेश हुए कपिल सिब्बल ने कंपनी की तरफ से अदालत में 118 करोड़ के दो डिमांड ड्राफ्ट जमा कराए, जिनकी अदालत ने इजाजत दे दी। इसके साथ ही कपिल सिब्बल की अपील पर शीर्ष अदालत ने अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस कम्यूनिकेशंस को एरिक्सन की याचिका का जवाब अगले 4 हफ्ते में देने का आदेश दिया। रिलायंस कम्यूनिकेशंस ने सुप्रीम कोर्ट में बीते साल 23 अक्टूबर तक कुछ बकाए के भुगतान की बात कही थी। लेकिन रिलायंस ने तय समय-सीमा के बावजूद बकाए का भुगतान नहीं किया। जिसके चलते एरिक्सन ने कोर्ट में रिलायंस के खिलाफ अवमानना के मामले में याचिका दाखिल की है। जिस पर जवाब देने के लिए रिलायंस को अब कोर्ट की तरफ से 4 हफ्ते का वक्त दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने रिलायंस जियो और रिलायंस कम्यूनिकेशंस से दोनों कंपनियों के बीच की संभावित स्पेक्ट्रम डील और डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्यूनिकेशंस (DoT) के बकाए के भुगतान के बारे में भी सवाल किया। दरअसल रिलायंस कम्यूनिकेशंस और रिलायंस जियो के बीच की स्पेक्ट्रम डील DoT के बकाए के चलते अटक गई है। रिलायंस जियो ने डील के तहत डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्यूनिकेशंस का बकाया चुकाने से इंकार कर दिया है। स्पेक्ट्रम डील मामले में रिलायंस जियो का पक्ष वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे रख रहे हैं। साल्वे ने कोर्ट में रिलायंस कम्यूनिकेशंस द्वारा बैंक गारंटी देने की शर्त रख दी है। बहरहाल कोर्ट ने इसे दोनों कंपनियों के बीच का मामला बताते हुए जल्द मामला सुलझाने का निर्देश दिया है।