दिल्ली में सोमवार को लाल किले के पास एक कार में विस्फोट से कुछ घंटे पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया था कि उन्होंने आतंकी समूहों जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और अंसार गजवत-उल-हिंद (एजीएच) से जुड़े एक अंतर-राज्यीय और अंतरराष्ट्रीय आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है। इस एक्शन में पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, आतंकी मॉड्यूल के भंडाफोड़ के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए सात लोगों के खिलाफ आतंकवाद से जुड़ा कोई पूर्व मामला नहीं था। सूत्रों के अनुसार, इन सभी की उम्र 22 से 30 वर्ष के बीच बताई जा रही है।

गिरफ्तार लोगों में पुलवामा निवासी डॉ मुज़म्मिल अहमद गनई भी शामिल हैं, जिन्हें फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया, जहाँ वे अल-फ़लाह स्कूल ऑफ़ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर में कार्यरत थे। जम्मू -कश्मीर के अनंतनाग ज़िले के एक अन्य डॉक्टर, अदील मजीद राथर को सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया। आइए जानते हैं गिरफ्तार किए गए लोग कौन हैं।

डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई

गनई इस मामले में सबसे पहले गिरफ्तार हुआ था। पुलवामा के कोइल का रहने वाला गनई फरीदाबाद के अल फलाह अस्पताल में पढ़ाता था। पुलिस ने बताया कि उन्होंने फरीदाबाद के धौज गांव में उसके किराए के घर से 358 किलो विस्फोटक बरामद किया। गनई और विस्फोट का मुख्य संदिग्ध, डॉ. उमर नबी, दोनों एक ही गांव के रहने वाले हैं। वह मुसैब नाम से भी जाना जाता है।

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डॉ. आदिल मजीद राठेर

आदिल ने 2018 में श्रीनगर के सरकारी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की और फिर 2022 में जनरल मेडिसिन में एमडी की डिग्री हासिल की। ​​गनई की गिरफ्तारी और पूछताछ के बाद उन्हें उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में गिरफ्तार कर लिया गया। राठेर ने अक्टूबर 2022 से अक्टूबर 2024 तक जीएमसी अनंतनाग में सीनियर रेजिडेंट के रूप में काम किया।

मौलवी इरफान अहमद

मौलवी अहमद जम्मू-कश्मीर के शोपियां में एक मस्जिद का इमाम है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, माना जा रहा है कि उसने ही मॉड्यूल के अन्य सदस्यों को कट्टरपंथी बनाया।

आरिफ निसार डार

माना जा रहा है कि श्रीनगर के नौगाम निवासी डार इरफान अहमद और मुज़म्मिल गनई के संपर्क में था।

यासिर-उल-अशरफ

डार के ही इलाके में रहने वाला अशरफ भी अपना बिजनेस चलाता है। वह साहिल नाम से भी जाना जाता है। सूत्रों के अनुसार, वह नौगाम में अपने चाचा की दुकान पर काम करता है।

मकसूद अहमद डार

पुलिस ने बताया कि वह भी नौगाम का रहने वाला है और एक स्थानीय दुकान में अकाउंटेंट का काम करता है। उसे शाहिद के नाम से भी जाना जाता है।

ज़मीर अहमद अहंगर

पुलिस ने बताया कि मध्य कश्मीर के गंदेरबल के वाकुरा निवासी अहंगर बेरोजगार है। उसे स्थानीय लोग मुतलाशा के नाम से भी जानते हैं।

पुलिस ने क्या बताया?

पुलिस ने आरोप लगाया कि गैंग ने ट्रेनिंग, पैसों के ट्रांसफर और लॉजिस्टिक के लिए एन्क्रिप्टेड चैनलों का इस्तेमाल किया। पुलिस ने यह भी कहा कि सामाजिक/धर्मार्थ कार्यों की आड़ में पेशेवर और शैक्षणिक नेटवर्क के माध्यम से धन जुटाया गया। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा, “आरोपी लोगों को कट्टरपंथी बनाने, आतंकवादी रैंकों में भर्ती करने, धन जुटाने, रसद की व्यवस्था करने, हथियार/गोला-बारूद और आईईडी तैयार करने की सामग्री खरीदने के अलावा लोगों की पहचान करने में भी शामिल पाए गए।” पुलिस ने यह भी कहा कि उन्होंने मॉड्यूल पर समन्वित छापेमारी के दौरान विभिन्न स्थानों से 2,900 किलोग्राम आईईडी बनाने की सामग्री बरामद की, जिसमें विस्फोटक, रसायन, अभिकर्मक, ज्वलनशील पदार्थ, इलेक्ट्रॉनिक सर्किट, बैटरी, तार, रिमोट कंट्रोल, टाइमर और धातु की चादरें शामिल हैं।

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