RBI MPC Meeting December 2022: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने रेपो रेट में 0.35 फीसदी की बढ़ोत्तरी की है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने बताया कि रेपो रेट में 35 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी हुई है, जिसके बाद यह बढ़कर 6.25 % हो गया है।
गौरतलब है कि रेपो रेट (Repo Rate) वह दर है जिस पर रिजर्व बैंक अन्य बैंकों को उधार देता है। एक बेसिस पॉइंट एक प्रतिशत अंक का सौवां हिस्सा होता है। रेपो रेट में बढ़ोतरी का असर होम लोन (Home Loan), कार लोन (Car Loan) और पर्सनल होन (Personal Loan) की EMI पर पड़ेगा।
RBI MPC Meeting के दौरान आरबीआई गवर्नर ने मुंबई में कहा कि अप्रैल-अक्टूबर के दौरान भारतीय रुपए में वास्तविक रूप से 3.2% की वृद्धि हुई है, जबकि अन्य प्रमुख मुद्राओं में गिरावट आई है। उन्होंने जानकारी दी कि एफडीआई प्रवाह अप्रैल से अक्टूबर 2022 में बढ़कर 22.7 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले साल की इसी अवधि में 21.3 अरब डॉलर था।
Inflation Rate 4% से ऊपर रहने की उम्मीद: शक्तिकांत दास ने बताया कि वित्त-वर्ष 23 के लिए CPI मुद्रास्फीति (Inflation) का पूर्वानुमान 6.7% पर बरकरार है। उन्होंने कहा कि अगले 12 महीनों में इन्फ्लेशन रेट 4% से ऊपर रहने की उम्मीद है। आरबीआई ने कहा कि महंगाई अभी भी चिंता का विषय बनी हुई है। इसे कम करने के लिए केंद्रीय बैंक की ओर से कदम उठाए जा रहे हैं।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि स्टैंडिग डिपोजिट फैसिलिटी (SDF रेट) को 6% और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF रेट) और बैंक रेट को 6.5% तक एडजस्ट किया गया है। चालू वित्त वर्ष के लिए विकास दर का अनुमान को 7.00 प्रतिशत से घटाकर 6.80 प्रतिशत कर दिया गया है। वहीं, वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में विकास दर 7.1 प्रतिशत और दूसरी तिमाही में विकास दर 5.90 प्रतिशत रह सकती है। आरबीआई ने बताया कि 2 दिसंबर तक देश का विदेशी मुद्रा भंडार 561.2 अरब डॉलर हो गया है।
G20 की अध्यक्षता भारत के लिए बड़ी भूमिका निभाने का बड़ा अवसर: G20 प्रेसीडेंसी पर RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि G20 की अध्यक्षता भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में बड़ी भूमिका निभाने का एक बड़ा अवसर है। हम फाइनेंस ट्रैक में चर्चा में भाग लेंगे। सरकार ने फाइनेंस ट्रैक के लिए अलग से एजेंडा पहले ही निर्धारित कर लिया है। उन्होंने कहा, “कई देशों से काफी उम्मीदें हैं। वे कई पहलुओं में बड़ी भूमिका निभाने के लिए भारत की ओर देख रहे हैं, चाहे वह फिनटेक और डिजिटल भुगतान में इनोवेशन हो या कई अन्य क्षेत्रों में।”