रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास को ‘गवर्नर ऑफ द ईयर’ के अवॉर्ड से नवाजा गया है। लंदन के सेंट्रल बैंकिंग अवॉर्ड्स 2023 में उन्हें आज ये सम्मान दिया गया। सेंट्रल बैंकिंग एक अंतरराष्ट्रीय आर्थिक रिसर्च जरनल है। संस्था की ओर से मार्च 2023 में शक्तिकांत दास के नाम की इस अवॉर्ड के लिए सिफारिश की गई थी।

शक्तिकांत दास को इस अवॉर्ड के लिए इसलिए चुना गया, क्योंकि कोविड महामारी के दौरान पैदा हुए आर्थिक संकट के बीच भारत के बैंकिंग सिस्टम को उन्होंने बखूबी संभाला। इस दौरान उन्होंने लोगों को राहत देने के लिए मोरोटोरियम काभी ऐलान किया था। इससे लोगों को कोविड संकट के दौरान बड़ी राहत मिली थी। आर्थिक दुश्वारियों के बीच हुए रूस-यूक्रेन युद्ध से पैदा हुए संकट के दौरान भारत के बैंकिंग सिस्टम को मजबूत बनाए रखने के लिए उन्होंने सराहनीय काम किया। उनकी इस उपलब्धि को इस अवॉर्ड के लिए अहम माना गया।

लंदन में बोले- 4 फीसदी मुद्रास्फीति को हासिल करना है लक्ष्य

उनकी अगुवाई में महंगाई को काबू करने के लिए भी गंभीर प्रयास हुए। इसके सकारात्मक नतीजे भी देखने को मिले। महंगाई को मैनेज करने में भी उन्होंने सफलता हासिल की। अवार्ड लेने के दौरान लंदन में उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति पर नियंत्रण की प्रक्रिया धीमी और लंबी होगी। फिलहाल उनका लक्ष्य 4 फीसदी मुद्रास्फीति को हासिल करना है।

1980 बैच के आईएएस अधिकारी हैं ओडिशा में जन्मे शक्तिकांत

शक्तिकांत दास का जन्म 1955 को ओडिशा में हुआ। शक्तिकांत दास 1980 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वो कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद वो 2014 से 2015 तक भारत के राजस्व सचिव रहे। उसके बाद 2015 से 2017 तक भारत के आर्थिक मामलों के सचिव भी रहे। अभी वो रिजर्व बैंक के गवर्नर का जिम्मा संभाल रहे हैं। नोटबंदी के दौरान भी उनकी अहम भूमिका रही थी। वो अपने 37 वर्ष के लंबे कार्यकाल में ज्यादातर आर्थिक और वित्त से जुड़े विभागों में ही तैनात रहे।