RBI 2000 Rupee Note: भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार (19 मई) को 2,000 रुपये के नोटों को वापस लेने की घोषणा की थी। रिजर्व बैंक (RBI) ने लोगों को 30 सिंतबर तक यह नोट बदलवाने की सलाह दी है। RBI ने कहा कि देश में 2000 रुपये के नोटों को प्रचलन से बाहर किया जा रहा है। रिजर्व बैंक की इस घोषणा ने कई लोगों को हैरान कर दिया था। हालांकि, पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन का मानना है कि आरबीआई के इस कदम से आम आदमी पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
नकदी सिर्फ 10 फीसदी चलन में है: कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन
कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन के अनुसार, ‘2000 के नोट आम लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल नहीं होते और इसकी नकदी सिर्फ 10 फीसदी ही चलन में है। उन्होंने कहा कि दूसरी बात यह भी है कि ज्यादातर आम लोग डिजिटल लेनदेन करते हैं।’
ANI से बातचीत में सुब्रमण्यम ने कहा, ‘ जब एक आम आदमी कुछ खरीदने के लिए बाहर आता है, उदाहरण के लिए एक चाय विक्रेता के पास पेटीएम और फोनपे के माध्यम से लेनदेन किया जाता है।” लोग अब चेंज पैसे के झंझट से बचना चाहते हैं और डिजिटल लेनदेन करते हैं।’
उन्होंने भुगतान के डिजिटल तरीकों के बढ़ते उपयोग पर भी जोर दिया और कहा, “नकदी खत्म होने पर ग्राहक तुरंत पेटीएम और फोनपे के साथ लेनदेन कर सकता है।” उन्होंने कहा कि इससे कई तरह की मुश्किलें कम हो जाएंगी। डिजिटल पैसे का इस्तेमाल देश के हर हिस्से में हो रहा है और आगे चलकर यह बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि इसलिए, मुझे लगता है कि 2000 के नोट आम आदमी का प्रभावित नहीं करेगा।
जानिए क्या कहती है बीसीजी की रिपोर्ट-
बीसीजी की एक रिपोर्ट के अनुसार, तीन ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक का लेन-देन डिजिटल रूप से होता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी लेनदेन का 65 प्रतिशत, या मूल्य के संदर्भ में प्रत्येक तीन लेनदेन में से दो, 2026 तक डिजिटल होने की उम्मीद है।
संजय राउत ने उठाए सवाल
उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने शनिवार को 2,000 रुपये के नोटों को वापस लेने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि देश का सिस्टम सरकार के गुलाम की तरह काम कर रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ज्यादातर काला धन भाजपा नेताओं और उनके दोस्तों के पास है और वे पहले ही नोट बदलवा चुके हैं।