तोक्यो ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाले भारतीय पहलवान रवि कुमार दहिया ने मंगोलिया में चल रही एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता है। उन्होंने फ्री स्टाइल कुश्ती के 57 किलो भार वर्ग के फाइनल में कजाकिस्तान के कल्जन रखत को 12-2 से हराया और स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया। एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में यह उनका लगातार तीसरा स्वर्ण पदक है। कोई भी भारतीय फ्री स्टाइल पहलवान आज तक ऐसा नहीं कर पाया है। इस साल फरवरी में डैन कोलोव इवेंट में रजत पदक जीतने के बाद, रवि का इस सीजन का यह दूसरा फाइनल था।

सोनीपत के नाहरी गांव के रहने वाले रवि ने फाइनल तक का सफर तय करने में अपना शारीरिक दमखम और रणनीतिक तौर पर अपनी श्रेष्ठता साबित की। उन्होंने जापान के रिकुतो अराई (वीएसयू) को मात दी और फाइनल से पहले मंगोलिया के रेसलर पर 12-5 के अंतर से बड़ी जीत दर्ज की। रवि ने 2020 में दिल्ली और फिर पिछले साल अलमाटी में हुई एशियन चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था।

वर्ष 1997 में रवि दहिया का जन्म हरियाणा के सोनीपत जिले के नहरी गांव में हुआ था। उनके पिता किसान हैं, हालांकि उसके पास खुद की जमीन तक नहीं थी। वे किराए पर जमीन लेकर खेती किया करते थे। 10 साल की उम्र से ही रवि ने दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में प्रशिक्षण शुरू कर दिया था। उन्होंने वर्ष 1982 के एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने वाले सतपाल सिंह से प्रशिक्षण लिया है। रवि के पिता ने आर्थिक तंगी होने के बावजूद अपने बेटे को उत्कृष्ट प्रशिक्षण दिलाया। उनके पिता राकेश हर रोज अपने गांव से छत्रसाल स्टेडियम तक की 40 किलोमीटर की दूरी तय कर रवि तक दूध और फल पहुंचाते थे।

हालांकि, जब रवि ने 2019 में विश्व चैंपियनशिप में कांसा जीता था, तब भी उनके पिता उनके इस मैच को नहीं देख सके थे, क्योंकि वे काम पर गए हुए थे। वर्ष 2015 में विश्व कुश्ती की जूनियर चैंपियनशिप में रवि की प्रतिभा नजर आई। उन्होंने 55 किलो वर्ग में रजत पदक जीता, लेकिन सेमीफाइनल में चोटिल हो गए। उसके बाद सीनियर वर्ग में करियर बनाने के दौरान चोट के कारण उन्हें पीछे भी हटना पड़ा। 2017 के सीनियर नेशनल्स में चोट से परेशान रहे। इस कारण उन्हें कुछ समय तक मैट से दूर रहना पड़ा।

उन्हें पूरी तरह से ठीक होने में करीब एक साल लगा। हालांकि, चोट के कारण लगे ब्रेक के बाद उन्होंने उसी जगह से वापसी की जहां से छोड़ा था। रवि ने बुखारेस्ट में 2018 वर्ल्ड अंडर 23 प्रतियोगिता में 57 किलो वर्ग में रजत पर कब्जा जमाया। उन्होंने 2019 के विश्व चैंपियनशिप के चयन के लिए ट्रायल में वरिष्ठ पहलवानों – उत्कर्ष काले और ओलंपियन संदीप तोमर को हराया।