दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा को फेडरेशन ऑफ इंडो-इजरायल चैंबर्स ऑफ कॉमर्स FIICC) ने एकता, शांति और स्थिरता के लिए प्रतिष्ठित ‘ग्लोबल विजनरी ऑफ सस्टेनेबल बिजनेस ऐंड पीस’ पुरस्कार से सम्मानित किया है। रतन टाटा को सम्मानित करते हुए द्विपक्षीय उद्योग संगठन के अध्यक्ष गुल कृपलानी ने कहा, ‘इजरायल के प्रति रतन टाटा का समर्थन अटूट रहा है। भारत को गरिमा और सम्मान के साथ वैश्विक पटल पर लाने की उनकी प्रतिबद्धता को सभी ने देखा है। एक व्यक्ति, जिसका तीनों देशों- भारत, इजरायल और यूएई के व्यापारिक समुदाय सम्मान करते हैं। वह एकता, शांति और स्थिरता के प्रतीक हैं।’
पुरस्कार समारोह के लिए एक वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान टाटा ने कहा कि उनका हमेशा मानना रहा है कि इजरायल भारत के लिए एक बड़े अवसरों का देश है और इसकी रचनात्मकता की मदद से भारत में विनिर्माण लागत कम की जा सकती है, ताकि निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने कहा, ‘इजरायल जैसे देश के साथ जुड़ना मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात है। मैंने हमेशा इसे भारत के लिए अवसर का देश कहा है… इजरायल के लोगों में कुछ खासबात है, जो उन्हें रचनात्मक बनाती है।’
पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित हो चुके रतन टाटा आज भी अपनी साधारण जीवनशैली की वजह से जाने जाते हैं। दूसरे उद्योगपतियों के मुकाबले कहीं आगे होने के वाबजूद उनका विश्वास सादा जीवन में है। वह मुंबई में एक साधारम से मकान में रहते हैं। वह मीडिया से दूर रहते हैं और एकांत में समय बिताना उन्हें बेहद पसंद है। वह बैचलर हैं और उनके साथी केवल सीडी, किताबें और कुछ डॉग्स हैं।
साल 2014 में टाटा मोटर्स की लिस्टिंग न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में भी हो गई है। उनकी टाटा टी टेटली को अक्वायर करने वाली है, इके अलावा टाटा मोटर्स जगुआर लैंड रोवर और टाटा स्टील कोरस को अक्वायर करने वाली है।
रतन टाटा जब 10 साल के थे तभी उनके सिर से मां-बाप का साया उठ गया था। उनकी परवरिश दादी ने की। 26/11 अटैक के समय रतन टाटा ने एक विशेष उदाहरण पेश किया था। वह उस वक्त ताज होटल के बाहर खड़े थे और पीड़ितों की यथासंभव मदद कर रहे थे। बाद में मारे गए कर्मचारियों के घऱवालों से मिलकर उन्होंने यथासंभव मदद दी थी।