टाटा समूह के मानद चेयरमैन रतन टाटा अपने सरल स्वभाव के लिए अक्सर चर्चाओं में रहते हैं। कुछ ऐसी ही घटना गुरुवार को भी हुई, जब पीएम मोदी के सामने एक कार्यक्रम में रतन टाटा ने हिंदी में ना बोलने के लिए माफी मांग ली।

दरअसल हुआ यूं कि रतन टाटा और पीएम मोदी असम में सात कैंसर सेंटर का उद्घाटन करने पहुंचे थे। इस मौके पर पीएम मोदी और रतन टाटा दोनों ने कार्यक्रम को संबोधित किया। इसी क्रम में जब टाटा कार्यक्रम को संबोधित करने उठे तो उन्होंने पहले ही माफी मांग ली। टाटा ने कहा कि वो हिंदी बोलने में असहज हैं, इसलिए अंग्रेजी में बोलेंगे। कार्यक्रम में बोलते हुए टाटा ने कहा- “मैं हिंदी में भाषण नहीं दे सकता, इसलिए मैं आप सभी के साथ अंग्रेजी में संवाद करने का प्रयास करूंगा। जो बोलूंगा दिल से निकला हुआ संदेश होगा”।

टाटा ने कहा कि इन सुविधाओं के साथ, असम को विश्वस्तर पर कैंसर का इलाज प्रदान करने के लिए जाना जाएगा। इसके साथ ही टाटा ने कहा कि वो अपनी जिंदगी के अंतिम सालों को स्वास्थ्य के क्षेत्र में समर्पित कर चुके हैं। उन्होंने कहा- “असम के इतिहास में आज का दिन एक महत्वपूर्ण दिन है। कैंसर के इलाज के लिए उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधा जो पहले राज्य में उपलब्ध नहीं थी, उसे यहां लाया जा रहा है। कैंसर अमीर आदमी की बीमारी नहीं है।”

इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सात कैंसर केंद्रों का उद्घाटन किया गया, जबकि उन्होंने कार्यक्रम के दौरान सात और की नींव भी रखी। इन केंद्रों का विकास राज्य सरकार और टाटा ट्रस्ट के संयुक्त उद्यम असम कैंसर केयर फाउंडेशन (एसीसीएफ) द्वारा किया जा रहा है। नेटवर्क के तहत अन्य तीन अस्पताल इस साल के अंत में खोले जाएंगे।

उद्घाटन के मौके पर मोदी ने कहा- “आज असम में 7 नए कैंसर अस्पतालों का उद्घाटन हुआ है। एक जमाना था, 7 साल में एक भी अस्पताल का खुलना जश्न की बात थी। समय अब ​​बदल गया है। मुझे बताया गया है कि कुछ महीनों में तीन और कैंसर अस्पताल आपकी सेवा के लिए तैयार हो जाएंगे।”