रेप के आरोपी छात्रनेता के बेल पर बाहर आने का जश्न मनाते हुए उनके समर्थकों ने पूरे शहर में ‘भैया इज बैक’ के पोस्टर लगाए, इस पूरे मामले से देश की सर्वोच्च अदालत खफा हो गयी है। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना के नेतृत्व वाली तीन जजों की बेंच में न्यायाधीश हिमा कोहली ने पूछा कि ‘भैया इज बैक’ के होर्डिंग लगाए गए हैं ये किस बात का जश्न मना रहे हो? इसके साथ ही मुख्य न्यायाधीश ने आरोपी पक्ष के वकील से कहा कि ‘भैया इज बैक’ क्या है? और अपने भइया कहे आने वाले एक हफ्ते सतर्क रहे।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की एक महिला ने आरोपी की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है, जिसमें कहा गया है कि आरोपी शादी का झांसा देकर लगातार उससे रेप करता रहा और इस दौरान उसे बच्चे का गर्भपात कराने के लिए भी मजबूर किया।
आरोपी शुभांग गोंटिया भाजपा की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद नेता है। न्यायालय की ओर से उसे एक नोटिस जारी कर दिया, जिसमें पूछा गया है कि उसकी जमानत क्यों नहीं रद्द की जानी चाहिए। इससे साथ ही न्यायालय ने मध्य प्रदेश सरकार से भी इस मामले में जवाब मांगा है।
आरोपी को नवंबर में मिली जमानत:पीड़ित महिला ने दावा किया मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने इस मामले में तथ्यों पर गंभीरता से विचार नहीं किया और शुभांग गोंटिया को नवंबर में जमानत दे दी। सुनवाई के दौरान महिला ने आरोपी से शादी के सबूत भी दिखाए, जिसमें आरोपी पीडित महिला की मांग में सिंदूर और मंगलसूत्र पहनाता हुआ दिख रहा है। वहीं, इस दौरान वह गर्भवती हो गई थी और उसे बच्चे का गर्भपात कराने के लिए भी मजबूर किया।
फिर उसने जबलपुर महिला पुलिस थाने में शुभांग के खिलाफ रेप की एफआईआर दर्ज कराई। एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि आरोपी ने पीड़िता से शादी का झूठा वादा करके तीन साल के दौरान कई बार शारीरिक संबंध बनाए। उसे पिछली साल मध्य प्रदेश पुलिस की ओर से सितंबर में गिरफ्तार किया गया था। जिसके तुरंत बाद वह फरार हो गया। पीड़िता की याचिका पर अगली सुनवाई 18 अप्रैल की है।