केन्द्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया रामविलास पासवान के खिलाफ उनके अपने दामाद ने ही मोर्चा खोल दिया है। रामविलास पासवान के दामाद और वर्तमान में राजद नेता अनिल साधु ने कहा है कि “यदि राजद उन्हें और उनकी पत्नी (रीना पासवान) को टिकट देती है तो वह यकीनन पासवान के खिलाफ लड़ेंगे। उन्होंने ना सिर्फ मेरा अपमान किया है बल्कि उन्होंने एससी/एसटी का भी अपमान किया है। दलित उनके कोई बंधुआ मजदूर नहीं हैं।” बता दें कि रामविलास पासवान से नाराज होकर अनिल साधु ने इसी साल मार्च में राजद की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। उसके बाद से ही वह लगातार लोजपा और रामविलास पासवान पर निशाना साध रहे हैं। बीते दिनों एक दुष्कर्म पीड़िता छात्रा की हत्या के मामले में पीड़ित परिवार से मिलने के बाद भी अनिल साधु ने रामविलास पासवान पर निशाना साधा था।
इस दौरान अनिल साधु ने कहा था कि रामविलास पासवान को अनुसूचित जाति का नेता कहलाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। इस समुदाय के लोगों को दिग्भ्रमित कर वो सिर्फ वोटबैंक की राजनीति कर रहे हैं। उसी वोटबैंक की मदद से सत्ता के शीर्ष पर पहुंचने वाले नेता राज्य में अनुसूचित जाति के लोगों पर बढ़ रहे अत्याचार के बाद चुप्पी साधे हुए हैं। अनिल साधु ने रामविलास पासवान की आलोचना करते हुए कहा कि वे आरक्षण समाप्त करने की बात तो करते हैं, लेकिन खुद आरक्षित सीट से ही चुनाव लड़ते हैं। अनिल साधु ने कहा कि पासवान, भाजपा और आरएसएस के चंगुल में फंसकर दलित विरोधियों का साथ देते रहे हैं।
If RJD will give tickets to me and my wife (Reena Paswan) we’ll definitely fight against the Paswans. They have not only insulted me, they have even insulted the STs/SCs. Dalits are not their bonded labourers: Anil Sadhu (son-in-law of LJP leader Ram Vilas Paswan) who joined RJD. pic.twitter.com/NtxAX70r2H
— ANI (@ANI) September 12, 2018
बता दें कि अनिल साधु उस वक्त से रामविलास पासवान से नाराज हैं, जब साल 2015 के बिहार विधानसभा के चुनाव में अनिल साधु बिहार की बोचहां सीट से चुनाव लड़े थे और हार गए थे। दरअसल इस सीट पर पहले लोजपा ने बेबी कुमारी को टिकट दिया था। जिसके बाद टिकट ना मिलने से नाराज अनिल साधु मीडिया के सामने आकर रोए थे। बाद में लोजपा ने बेबी कुमारी से टिकट वापस लेकर अनिल साधु को चुनाव लड़ाया, लेकिन वह चुनाव हार गए। इसी साल राजद नेता तेजस्वी यादव की एक जनसभा के दौरान अनिल साधु ने राजद का दामन थाम लिया था।

