केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने बुधवार (12 जून) को कहा कि छह महीने बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में संभावित विस्तार के समय नरेंद्र मोदी सरकार में शामिल होने के लिए वह जदयू को मनाने का प्रयास करेगी। लोजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने बुधवार को कहा कि हमारी कोशिश होगी कि छह महीने बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में संभावित विस्तार के समय जदयू को अपने पाले में ले लिया जाए। दरअसल, लोजपा की निगाहें बिहार में 2020 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर है।

लोकसभा चुनाव में हाजीपुर से सांसद चुने जाने के पूर्व बिहार सरकार में मंत्री रहे और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के भाई पारस ने यह भी कहा कि हम लोकसभा चुनावों की सफलता को दोहराने के लिए उत्सुक हैं और आगे हम राजग के सभी घटक दल अगले साल होने वाला बिहार विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लडेंगे।

गौरतलब है कि राजग जिसमें भाजपा, जदयू और राजद शामिल हैं, ने लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 में से 39 सीटें जीती हैं। जदयू जिसके लोकसभा में कुल 16 सदस्य हैं, ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में “प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व” की कोई आवश्यकता नहीं की बात करते हुए नरेंद्र मोदी के मंत्रिपरिषद से बाहर रहने का विकल्प चुना है।

बिहार के पिछले तीन चुनाव जिसमें 2 लोकसभा और एक विधानसभा की बात करें तो पिछले 2014 लोकसभा में जदयू एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ी थी और 2 सीटों पर ही सिमट गई थी। इसके एक साल बाद राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में जदयू ने राजद और कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। दूसरी ओर एनडीए में भाजपा, लोजपा और रालोसपा थी। यह चुनाव महागठबंधन ने नीतीश कुमार के चेहरे पर लड़ा। इसमें राजग को काफी सीटों का नुकसान हुआ। लोजपा का खाता तक नहीं खुला। नीतीश कुमार की सरकार बनी। 10 वर्षों से राज्य की सत्ता से बाहर रही राजद को भी काफी सीटें मिली।

इस बार 2019 के चुनाव में नीतीश कुमार राजग का हिस्सा बने और पिछली बार की तुलना में लोकसभा चुनाव में एनडीए को ज्याद सीटें मिली। मात्र एक सीट छोड़ राजग ने सभी 39 सीटों पर क्लिन स्वीप किया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि लोकसभा चुनाव में भले ही नरेंद्र मोदी का पिछले 2 बार से जादू चल रहा है, लेकिन बिहार में अभी भी जनता नीतीश कुमार के साथ ही है। ऐसे में लोजपा चाहती है कि एनडीए के सभी घटक दलों के बीच सामंजस्य बना रहे। (एजेंसी इनपुट के साथ)