बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी की सदन में बसपा सांसद दानिश अली के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। बवाल बढ़ता देख भाजपा ने दक्षिण दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद बिधूड़ी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इस बीच दानिश अली ने भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री पद की गरिमा को बचाने का काम किया है।

BSP सांसद दानिश ने इस मामले में चुप्पी तोड़ते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक वीडियो ट्वीट किया है। दानिश ने कहा है कि बीजेपी के नेता नैरेटिव चलाने का प्रयास कर रहे हैं। सच्चाई यह है कि मैंने प्रधानमंत्री पद की गरिमा को बचाने का काम किया है। बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली ने ट्वीट किया और लिखा, भाजपा के कुछ नेता एक नैरेटिव चलाने का प्रयास कर रहे हैं कि संसद में मैंने रमेश बिधूड़ी को भड़काया। जबकि सच्चाई यह है कि मैंने प्रधानमंत्री पद की गरिमा को बचाने का काम किया और सभापतिजी को मोदी जी से संबंधित घोर आपत्तिजनक शब्दों को सदन की कार्रवाई से हटाने की मांग की थी।

बीजेपी का असली चरित्र सामने आ गया- दानिश अली

एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में दानिश अली ने कहा कि पूरे देश ने देखा कि क्या हुआ? बीजेपी का असली चरित्र सामने आ गया है। निशिकांत दुबे के स्पीकर को पत्र लिखने पर दानिश ने कहा, “वही निशिकांत दुबे, जिन्होंने पिछड़ी जाति के अपने कार्यकर्ता से पैर धुलवाकर उसको पानी पिलवाया था। जिनकी पीएचडी की डिग्री पर भी फर्जी होने के आरोप हैं।” उन्होंने कहा कि दानिश अली अभी इतना नहीं गिरा है कि देश के प्रधानमंत्री के बारे में कोई ऐसी टिप्पणी करे। हमारा वो चरित्र और संस्कार नहीं है। सच्चाई यह है, जो रिकॉर्ड पर है।

बीएसपी सांसद ने कहा कि जब रमेश बिधूड़ी प्रधानमंत्री पद की गरिमा को तार-तार कर रहे थे, जो सुनाई दे रहा है। उस पर मैंने ऑब्जेक्शन किया और कहा कि प्रधानमंत्री जी के बारे में ऐसा कोई रेफरेंस, असंसदीय भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। सभापति जी इसको रिकॉर्ड से निकालिए। दानिश ने कहा कि अगर यह कहना मेरा अपराध है तो मैं सजा भुगतने के लिए तैयार हूं।

रमेश बिधूड़ी के खिलाफ कार्रवाई की मांग

वहीं, विपक्षी दलों के नेताओं ने सदन में बसपा सांसद दानिश अली के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी को लेकर भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए शनिवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पर दबाव बढ़ाया। लोकसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक के सुरेश जो घटना के समय पीठासीन सभापति के रूप में संचालन कर रहे थे, उन नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने बिधूड़ी को तत्काल निलंबित करने की मांग करते हुए बिरला को पत्र लिखा है। सुरेश ने मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजने की मांग की है।