सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राहुल गांधी के दलितों के यहां जाने के कार्यक्रम को कथित ‘हनीमून’ बताने वाली योगगुरु रामदेव की विवादास्पद टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ देश में अलग अलग स्थानों पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है।

प्रधान न्यायाधीश एचएल दत्तू और न्यायमूर्ति एके सीकरी की खंडपीठ ने कहा कि यदि वह (रामदेव) गलत हैं तो उन्हें दंडित किया जाना चाहिए लेकिन उन पर 20 अलग अलग स्थानों पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है। न्यायालय ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब एक वकील ने कहा कि इस तरह की टिप्पणियों से आहत व्यक्तियों को मामला दायर करने का अधिकार है और योगगुरु के खिलाफ मुकदमे पर रोक नहीं लगायी जा सकती।

इस पर न्यायाधीशों ने कहा कि हम आपकी चिंता समझते हैं। आपको अधिकार है लेकिन उन्हें (रामदेव) भी तो अधिकार है। यह मामले तो एक ही भाषण से संबंधित हैं। इस बीच, न्यायालय ने कहा कि रामदेव के खिलाफ इस मामले से जुड़े सारे मामलों को एक साथ किया जाए।

न्यायालय ने रामदेव के वकील केशव मोहन से कहा कि विभिन्न अदालतों में दायर शिकायतों के स्थानांतरण के लिये अलग से याचिका दायर की जाये। इससे पहले, न्यायालय ने रामदेव के खिलाफ उनकी विवादास्पद टिप्पणी को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में दायर मामलों की कार्यवाही पर पिछले साल नौ मई को रोक लगा दी थी। न्यायालय ने उन सभी राज्यों की पुलिस को नोटिस जारी किये थे जिन्होंने रामदेव के खिलाफ मामले दर्ज किये थे।

न्यायालय ने रामदेव की याचिका पर यह आदेश दिया था। रामदेव ने उनकी विवादास्पद टिप्पणी के लिये विभिन्न स्थानों पर दायर प्राथमिकियों को एकसाथ जोड़ने और उनके खिलाफ किसी दमनात्मक कार्रवाई से पुलिस को रोकने का निर्देश देने का अनुरोध किया था।