योग गुरु रामदेव ने हरियाणा सरकार की ओर से की गई कैबिनेट मंत्री के दर्जे की पेशकश को ठुकराते हुए मंगलवार को कहा कि वे मंत्री पद के आकांक्षी नहीं हैं और ‘बाबा’ ही रहना चाहते हैं। दिल्ली से करीब 60 किलोमीटर दूर राई में उनको सम्मानित करने के लिए हरियाणा सरकार की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में रामदेव ने यह घोषणा की।
विपक्ष ने इस कवायद पर हरियाणा सरकार की आलोचना की थी। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि रामदेव को खुश करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।
रामदेव ने यहां कहा- इस सम्मान से मुझे नवाजने के लिए मैं आपको (हरियाणा सरकार) हृदय से धन्यवाद देता हूं लेकिन मैं विनम्रतापूर्वक कहना चाहता हूं कि मैं बाबा और एक फकीर के तौर पर आपकी सेवा करना चाहता हूं। आपने जो दिया, मैं इसके लिए आपका शुक्रगुजार हूं लेकिन बेहद सम्मान के साथ मैं इसे आपको वापस लौटाना चाहता हूं। बहरहाल, योग और आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए वे राज्य के ब्रांड एंबेसडर बने रहेंगे।
विपक्षी कांग्रेस ने रामदेव को ब्रांड एंबेसडर बनाने और इसके बाद उन्हें कैबिनेट दर्जा दिए जाने के कदम का विरोध किया था।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, उनके मंत्री राम विलास शर्मा, अनिल विज, कविता जैन समेत अन्य उपस्थित थे। उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए रामदेव ने कहा- मैं मुख्यमंत्री खट्टर और हरियाणा की पूरी कैबिनेट का आभारी हूं और बताना चाहता हूं कि (हरियाणा) चुनावों के पहले कई लोगों ने कहा था कि बाबा के पास कई सांसद हैं।
रामदेव ने कहा कि चुनावों के बाद उन्होंने कहा कि बाबा के पास कई मंत्री हैं…कितने सांसद, विधायक और मुख्यमंत्री हैं, इसके बजाय अहम तथ्य यह है कि नरेंद्र मोदी बाबा के भी प्रधानमंत्री हैं, वे देश के प्रधानमंत्री हैं, इसलिए वे हमारे प्रधानमंत्री हैं। रामदेव ने कहा कि राष्ट्रधर्म के तौर पर मोदी को देश का प्रधानमंत्री बनाने के लिए उन्होंने निस्वार्थ भाव से काम किया था। उन्होंने कहा- अब प्रधानमंत्री हमारे हैं, पूरी कैबिनेट हमारी है, हरियाणा के मुख्यमंत्री हमारे हैं और उनकी कैबिनेट हमारी है…इसलिए बाबा को बाबा रहने दीजिए…मैं इसी तरह (बाबा रहकर) आपकी सेवा करना चाहता हूं।
रामदेव ने कहा कि मेरा एकमात्र लक्ष्य मानवता की सेवा है, किसी मंत्री पद या दर्जे पर मेरी नजर नहीं है। इन सम्मानों और पुरस्कारों से ऊपर उठकर मुझे अपने देश के लिए काम करना है। साथ ही कहा कि जब पद्म पुरस्कार की बात चल रही थी तब भी उन्होंने कहा था कि ‘फकीर फकीर होता है’ और ऐसे पुरस्कारों से ऊपर रहता है। तेरह अप्रैल को हरियाणा सरकार ने रामदेव को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिए जाने का फैसला किया था जिसके लिए बाद में अधिसूचना जारी की जानी थी।
पेशकश ठुकराने के रामदेव के फैसले के बारे में पूछे जाने पर खट्टर ने कहा कि हरियाणा सरकार योग गुरु के फैसले का सम्मान करती है। खट्टर ने रामदेव का पैर छूने के बाद उन्हें फूलों की माला पहनाई। उन्होंने कहा कि हमने उन्हें (कैबिनेट दर्जा देकर) सबसे ऊंचे सम्मान से नवाजने का फैसला किया। लेकिन, उनके आज के फैसले को देखते हुए, ऋषियों मुनियों के प्रति और उनकी परंपरा के प्रति हमारा सम्मान और बढ़ा है।
रामदेव के संबोधन से कुछ समय पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री ने जिक्र किया कि राज्य सरकार ने उन्हें कैबिनेट दर्जा देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि स्वामीजी जब भी हरियाणा आएंगे वे हमारे राज्य के अतिथि होंगे। हमने उन्हें कैबिनेट दर्जा देने का फैसला किया है। हरियाणा के शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकार ने योग गुरु को कैबिनेट दर्जा देने का फैसला किया है।